झारखंड के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में ईडी ने कई खुलासे किए गए हैं, जिसमें हजारों-करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ फिक्स्ड कमीशन दर भी बताया है. ईडी ने आलमगीर आलम के पीए और नौकर जहांगीर आलम के 4.42 करोड़ रुपए की अंचल संपत्ति को भी अटैच किया है. जांच में पाया गया है कि यह सभी संपत्तियां अवैध तरीके से अर्जित की गई थी.
पीए संजीव ने अपने पद का दुरुपयोग कर इन सभी संपत्तियों को अपने, पत्नी और नौकर के नाम पर खरीदा था. ईडी की चार्टशीट में बताया गया कि टेंडर के लिए तीन प्रतिशत कमीशन लगता था, जिसकी राशि मंत्री, ब्यूरोक्रेट्स, इंजीनियर और अधिकारियों में बांटी जाती थी. जिसमें से 1.35 प्रतिशत राशि मंत्री आलमगीर आलम को, 0.75 प्रतिशत राशि आरडब्ल्यूडी और ब्यूरोक्रेट्स, 0.5% चीफ इंजीनियर, 0.4% राशि विभाग के एई-जेई समेत कई अधिकारियों के बीच बाती जाती थी.
ईडी ने कोर्ट को बताया कि संजीव लाल के इंजीनियर को कमीशन वसूली के संबंध में निर्देश देता था. चीफ इंजीनियर इन निर्देशों को एई-जेई को देते थे और वह वहां से ठेकेदारों से कमीशन लेते थे. मंत्री के हिस्से वाली राशि मुन्ना सिंह और संतोष सिंह के जरिए पहुंचा दिया जाता था, जो जहांगीर आलम के हरमू फ्लैट में रखा जाता था. जिसे ईडी ने जब्त किया था. इसमें कुल 37.54 करोड रुपए नगद बरामद किए गए थे.
ईडी ने संजीव लाल के बरियातू में खरीदे के 2000 स्क्वायर फीट के मकान, पत्नी रीतालाल के नाम पर खरीदी गई 8.60 डिसमिल जमीन और जहांगीर आलम के द्वारा खरीदे के 50 लाख के फ्लैट को इस मामले में अटैच किया है. कुल मिलाकर इनकी कीमत करीब 4 करोड़ आंकी जा रही है. इस पूरे टेंडर कमीशन घोटाला मामले में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम से दो दिनों की पूछताछ के बाद उन्हें 15 मई को ईडी ने गिरफ्तार किया था.