अमित शाह की मणिपुर रैली, कहा- यह चुनाव मणिपुर को तोड़ने वाली ताकतों और मणिपुर को एकजुट रखने की कोशिश करने वालों के बीच"

अमित शाह ने मणिपुर के इंफाल में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा "हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति स्थापित करना भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार की प्राथमिकता है.

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पल्लवी कुमारी
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अमित शाह की मणिपुर रैली

अमित शाह की मणिपुर रैली

लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए गृहमंत्री अमित शाह सोमवार (15 अप्रैल) को पूर्वी राज्य मणिपुर और त्रिपुरा में जनसभा किया. अमित शाह ने मणिपुर (Manipur) के इंफाल में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति स्थापित करना भाजपा (BJP) के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार की प्राथमिकता है. अमित शाह ने कहा यह चुनाव मणिपुर को तोड़ने की कोशिशों करने वाली ताकतों और मणिपुर को एकजुट रखने वाले के बीच है. 

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अमित शाह ने दावा किया कि मणिपुर की डेमोग्राफी बदलने का प्रयास कर रही है. राज्य में घुसपैठ के प्रयास हो रहे हैं. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कांग्रेस ने कभी मणिपुर का सम्मान नहीं किया. उन्होंने ने तीन वर्षों तक राज्य को बंद रखा. कांग्रेस ने इसे नाकेबंदी वाला राज्य बना दिया है. गृहमंत्री ने जवाहरलाल नेहरु को लेकर कहा कि नेहरु जी ने असम को बाय-बाय कह दिया था.

शाह ने पीएम मोदी के लक्ष्य को लेकर मणिपुर की जनता को अवगत कराते हुए कहा “प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता है कि सभी समुदायों को साथ लेकर राज्य में शांति स्थापित की जाए. देश का भाग्य तभी बदलेगा, जब मणिपुर के साथ-साथ पूरे पूर्वोत्तर का भाग्य बदलेगा. अमित शाह ने लोगों से आंतरिक मणिपुर और बाहरी मणिपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवारों के लिए वोट करने की अपील की.

त्रिपुरा में किया जनसभा

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अमित शाह ने मणिपुर के बाद त्रिपुरा के कुमारघाट में रैली को संबोधित किया. यहं आदिवासी जनता को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा त्रिपुरा के आदिवासी इलाकों का विकास करना भाजपा की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि टिपरामोथा के साथ हुए हस्ताक्षरित ऐतिहासिक समझौते में राज्य के आदिवासी समुदाय के सभी मुद्दों का ध्यान रखा गया है.

वहीं सीपीएम पर निशाना अमित शाह ने कहा सीपीएम और कांग्रेस ने राज्य में वर्षों तक शासन किया है. शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और सीपीएम ने राज्य में कई वर्षों तक शासन किया. लेकिन राज्य के आदिवासियों को कभी भी सरकार में उच्च पद नहीं दिया. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने पहली बार भारत को आदिवासी राष्ट्रपति देकर समुदाय का सम्मान किया. 2014 से पहले जनजातीय मामलों के मंत्रालय का बजट 24,000 करोड़ रुपये था. वहीं, पीएम मोदी के शासन में बजट को बढ़ाकर 1,25,000 करोड़ रुपये कर दिया गया. शाह ने आरोप लगाया कि वामपंथियों ने युवाओं को बंदूकें दीं हैं. वहीं, पीएम मोदी ने युवाओं को लैपटॉप दिए. पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर में 10 से अधिक समझौते किए, जिससे 10 हजार युवा मुख्यधारा में वापस लौट पाए. 

उनकी सरकार ने महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य के योगदान को कम करने की कोशिश की लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराजा बीर बिक्रम को उचित सम्मान दिया है. उन्होंने अगरतल्ला हवाईअड्डा को महाराज के नाम पर रखा और उन्हें सम्मान देते हुए पीएम मोदी ने प्रतिमा का भी निर्माण कराया.

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