पीरियड्स में महिलाओं को छुट्टी देने वाला पहला राज्य बिहार

बिहार सरकार ने सरकारी कार्यालयों में काम करने वाली नियमित और संविदा कर्मियों को हर महीने दो दिनों का पीरियड्स अवकाश देना सुनिश्चित किया था. 

New Update
पीरियड्स में महिलाओं को छुट्टी

पीरियड्स में महिलाओं को छुट्टी

बिहार कई मामलों में भले ही देश के अन्य राज्यों से पिछड़ा हुआ है. राज्य की साक्षरता दर अन्य राज्यों से भले ही कम हो लेकिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्या सबसे पहले इसी राज्य ने समझा था.

भारत में जब किसी भी राज्य ने कामकाजी महिलाओं को पीरियड्स के दौरान विशेष अवकाश देने जैसा कोई प्रावधान नहीं बनाया था तब बिहार सरकार ने सरकारी कार्यालयों में काम करने वाली नियमित और संविदा कर्मियों को हर महीने दो दिनों का अवकाश देना सुनिश्चित किया था. 

साल 1991 के नवंबर महीने में बिहार राज्य में एक अनिश्चितकालीन हड़ताल हुई थी. हड़ताल कर रहे सरकारी कर्मचारियों की मांग थी कि केंद्र सरकार की तर्ज़ पर राज्य में जो वेतनमान लागू किया गया है उसमें हुई विसंगतियों को दूर किया जाए. इस हड़ताल में धीरे-धीरे महिला कर्मचारियों ने भी भाग लिया और अपनी कुछ मांगे रखी. जिसमें एक प्रमुख मांग मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को अवकाश दिया जाना भी था. उस समय राज्य के मुख्यमंत्री रहे लालू यादव ने इसपर अपनी सहमती दी थी. जिसके बाद 2 जनवरी 1992 से सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कर्मचारियों को 2 दिन की पीरियड्स लीव दी जाने लगी.

बिहार में हुए इस सकारात्मक बदलाव को देखते हुए केरल जैसे कुछ अन्य राज्यों ने भी इसी तरह की नीतियां पेश की, जहां महिला कर्मचारी प्रति माह एक दिन का मासिक धर्म अवकाश का प्रावधान हैं.साल 2021 में दिल्ली, यूपी और महाराष्ट्र सरकार ने भी महिला कर्मचारियों को पीरियड्स लीव देने की शुरुआत की है

First in Bihar first state to give Periods leave periods leave in Bihar