केरल के वायनाड में दो जगहों पर भारी लैंडस्लाइड हो गया. मंगलवार की सुबह तड़के तकरीबन दो से चार बजे के बीच में लैंड स्लाइड हुआ, जिसमें अब तक 151 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है. घटनास्थल पर इंडियन आर्मी के देखरेख में बचाव अभियान चल रहा है. इंडियन आर्मी के साथ रेस्क्यू टीम में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ भी बचाव कार्य कर रही है. स्निपर डॉग भी अभियान में शामिल किए गए हैं.
वायनाड में चार गांव लैंडस्लाइड में जमींदोज हो गए हैं. कई इलाकों से लैंडस्लाइड के कारण संपर्क टूट गया है. खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में भी परेशानी हो रही है. भारी बारिश के कारण हेलीकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर पा रहे हैं और जमीन के रास्ते लोगों को निकालने में भी समय लग रहा है.
अब तक की जानकारी के अनुसार 131 लोग इस लैंड साइड में घायल हुए हैं. जबकि 220 लोग लापता दर्ज किए गए हैं. वायनाड की लैंडस्लाइड में घर, पुल, सड़क और गाड़ियां भी बह गई है. 1000 लोगों को अब तक लैंडस्लाइड से रेस्क्यू किया गया है और 3000 लोगों को रिहैब सेंटर में रखा गया है. अब भी मौसम विभाग ने मल्लपुरम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
हादसे के बाद केरल में दो दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है. 12 जिलों में 30 जुलाई तक छुट्टी घोषित की गई थी. केरल यूनिवर्सिटी ने 30 और 31 जुलाई तक सभी परीक्षाओं को रद्द किया है. इसके अलावा केरल के 12 जिलों में स्कूल बंद करने का भी निर्देश जारी किया गया है.
लैंडस्लाइड के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा घटनास्थल जाने वाले थे, लेकिन खराब मौसम और सुरक्षा कारणों से दौरा रद्द किया गया है.
बुधवार को संसद में वायनाड में जान गंवाने वाले लोगों के लिए 2 मिनट का मौन व्रत रखा गया.
वायनाड में हुआ यह लैंडस्लाइड केरल के इतिहास में त्रासदी माना जा रहा है. 4 घंटे में पहाड़ों से आए जन सैलाब ने सैकड़ो जिंदगियां बहा ली. रेस्क्यू के दौरान कीचड़ से शव निकल रहे हैं. कुछ शव नदी में बह रहे हैं, तो कुछ पत्थर के नीचे दबे हुए मिल रहे हैं.
इस लैंडस्लाइड ने 11 साल पहले केदारनाथ हादसे की याद दिलाई है, जब उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में भयानक बारिश के बाद लैंडस्लाइड हुई थी. उस घटना में 10 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी.