दिल्ली में आज एक बार फिर से किसानों का विरोध मार्च शुरू हो गया है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आज हजारों किसान नोएडा से दिल्ली कूच कर रहे हैं. रविवार को ही किसान और प्रशासन के बीच में हाई लेवल मीटिंग हुई थी. मगर जब किसानों की मांगों पर सहमति नहीं बनी, तब उन्होंने दिल्ली चलो का नारा बुलंद कर दिया. हजारों किसान सोमवार को संसद का घेराव करने जा रहे हैं.
किसानों के दिल्ली चलो मार्च पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से बात करने और उनकी बात सुनने को तैयार है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछली बार भी सरकार ने बिना किसी शर्त के किसान कानूनों को वापस लिया था. इससे सरकार की मंशा का पता चलता है कि केंद्र में एनडीए पूरी ताकत से किसानों की भावनाओं के साथ काम करने की कोशिश कर रही है. सरकार ने बातचीत का रास्ता खुला रखा है.
किसानों के मार्च को देखते हुए नोएडा में तीन स्तर की सुरक्षा तैयार की गई है. जहां 5000 पुलिसकर्मी विभिन्न स्थानों पर चेकिंग कर रहे हैं. इसके अलावा इलाके में ट्रेफिक एडवाइजरी भी जारी की गई है. करीब 1 हजार पीएससी जवान तैनात किए गए हैं और वाटर कैनन की व्यवस्था है.
दरअसल जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 10 फीसदी विकसित प्लाॅट और नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ देने की मांग किसान संगठन कर रहे हैं. नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि का चार गुना मुआवजा दिया जाए. गौतम बुद्ध नगर में 10 साल से सर्किट रेट नहीं बढ़ा है. नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ जिले में लागू हो. किसानों की मांग है कि जमीन अधिग्रहण के बदले 64.7 फीसदी की दर से मुआवजा दिया जाए. भूमिधर, भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास के लाभ दिए जाएं.