झारखंड की राजनीति में चुनाव के कारण बड़ा फेरबदल हो रहा है. जहां एक ओर पार्टीयां अपने-अपने कुनबे को मजबूत करने में जुटी है, तो वही एक के बाद एक पार्टियों को झटका भी लग रहा है. दरअसल रविवार की रात झारखंड मुक्ति मोर्चा(झामुमो) को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के एक बड़े चेहरे ने रविवार की रात भाजपा का हाथ थाम लिया. सिद्धो-कान्हो के वंशज और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रस्तावक मंडल मुर्मू ने भाजपा का हाथ थाम लिया. मंडल मुर्मू सिद्धो-कान्हो, फूलो- झानो और चांद भैरव के वंशज हैं. उनके भाजपा में जाने से झामुमो के अंदर भूचाल मच गया है.
बरहेट विधानसभा सीट में झामुमो प्रत्याशी और हेमंत सोरेन के प्रस्तावक रहे मंडल मुर्मू ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आवास पर एक आयोजित समारोह में भाजपा की सदस्यता ली. इस दौरान भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहें. असम सीएम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मंडल मुर्मू काफी दिनों से भाजपा नेताओं के संपर्क में थे. हेमंत सोरेन के प्रस्तावक रहे मंडल मुर्मू शहीद परिवारों की धारा का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनका पार्टी में शामिल होना संगठन के लिए बड़ी बात है. इससे हमारी पार्टी को और मजबूत मिलेगी.
भाजपा में शामिल होने के बाद मंडल मुर्मू ने कहा कि सिद्धो-कान्हो फूलो झानो ने राष्ट्र के लिए अपना बलिदान दिया. मैं उस परिवार से हूं. मैं अपनी इच्छा से भाजपा में शामिल हो रहा हूं. संथाल परगना में जनसांख्यिकी को लेकर पहला करूंगा.
राज्य में जब भी किसी राजनीति के क्षेत्र में बड़े कदम उठाए जाते हैं, तो भोगनाडीह से ही इसकी शुरुआत होती है. सीएम हेमंत सोरेन भी अपने बड़े कार्यो को भोगनाडीह की सरजमी से सिद्धो कान्हो को पुष्पांजलि अर्पित करके शुरू करते हैं.