बिहार: दरभंगा जिले के प्रसिद्ध श्यामा मंदिर में बलि चढ़ाने की परंपरा पर लगी रोक, लोगों में असमंजस का माहौल

मिथिलांचल के प्रसिद्ध मंदिर श्याम मंदिर में भी बलि देने का प्रावधान है. जिस पर अब समिति ने रोक लगा दी है. श्यामा मंदिर न्यास समिति ने मंदिर के गर्भ गृह के सामने दिए जाने वाले बलि प्रथा पर रोक लगाई है.

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श्यामा मंदिर

श्यामा मंदिर: बलि चढ़ाने की परंपरा

देश के कई प्रसिद्ध मंदिरों में पुरातन काल से ही बलि देने की परंपरा जारी है. यह परंपरा आज भी देशभर के कई मंदिरों में जीवित है. बिहार में भी कई मंदिर ऐसे हैं जहां पर बलि देने की परंपरा चलती आ रही है. बिहार के भभुआ के मुंडेश्वरी मंदिर में भी बलि देने की परंपरा है. हालांकि इस मंदिर में बलि को मारा नहीं जाता है बल्कि कुछ सेकेंड के लिए बलि अचेत हो जाती है और फिर वापस से बलि में जान आ जाती है.

राज्य के कई जिलों के पुराने मंदिरों में यह परंपरा कायम है. मिथिलांचल के प्रसिद्ध श्याम मंदिर में भी बलि देने का प्रावधान है. जिस पर अब समिति ने रोक लगा दी है. श्यामा मंदिर न्यास समिति ने मंदिर के गर्भ गृह के सामने दिए जाने वाले बलि प्रथा पर रोक लगाई है. गर्भ गृह के ठीक सामने ही पहले महिष के पास से बलि दी जाती थी, जिस पर अब मिट्टी डालकर उसे ढक दिया गया है. साथ ही बलि प्रथा के लिए जो शुल्क पहले लिया जाता था, उसे भी अब बंद कर दिया गया है.

पूजा पाठ में बलि देने के लिए अलग से एक शुल्क सूचना पट बनाया गया था. जहां पर पूजा के हिसाब से रेट लिखा हुआ था. इसे भी अब ढक दिया गया है. समिति के इस कदम से श्रद्धालुओं के बीच में काफी असमंजस माहौल बना हुआ है. कुछ लोग इस पर अपना आक्रोश भी जता रहे हैं. लोगों का कहना है कि उनके आस्था को भारी चोट पहुंची है.

बुधवार को भी कुछ भक्तों को मन्नत पूरी होने पर बलि देने से रोका गया था, जिसके बाद खूब हंगामा मचा था. बाद में पास के मधेश्वरा परिसर के कामेश्वरी श्याम मंदिर में बाली चढ़ाया गया. श्यामा मंदिर दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह के चिता पर बनाया गया है. इस मंदिर में तांत्रिक पद्धति से पूजा पाठ की जाती है. मंदिर में मांगलिक आयोजन भी कराए जाते हैं. यह भी बेहद ही चौंकाने वाली बात है कि एक चिता पर धार्मिक और मांगलिक आयोजन होते हैं. शक्तिपीठ के तर्ज पर शास्त्रों अनुसार मंदिर में बलि देने की परंपरा थी.

कुछ दिनों पहले ही मन श्यामा मंदिर न्यास समिति के महायज्ञ के दौरान एक बकरी का बच्चा मंच पर चला गया. बकरी के बच्चे के गले में एक माला पड़ी थी. मंदिर के उपाध्यक्ष डॉ जयशंकर झा ने बकरी के बच्चे के प्रति ममता का हवाला देते हुए मंच से ही बलि प्रथा पर रोक लगाने का अनुरोध किया था.

11 अक्टूबर बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन, ने जिलाधिकारी राजीव रोशन को पत्र लिखकर गोवंश की बलि देने पर रोक लगाने की मांग की थी और कहा था कि यह पशु क्रूरता अधिनियम के तहत गलत है. श्यामा मंदिर में सिर्फ शास्त्र परंपरा के अनुसार छागर बलि दी जानी चाहिए.

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