सोमवार को बिहार में एनडीए गठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा तय हुआ, जिसमें भाजपा को 17, जदयू को 16, लोजपा को 5, हम को एक और उपेन्द्र कुशवाहा को एक सीट पर चुनाव लड़ने की बात बनी. इसमें एक नाम जो किसी को नजर नहीं आया वह था पशुपति पारस गुट का.
चिराग पासवान के चाचा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस की पार्टी को एनडीए गठबंधन ने इस बार के चुनाव में टिकट नहीं दिया, जिससे पारस नाराज हो गए. उन्होंने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. सीट शेयरिंग में पशुपति पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिला जिसके बाद से यह बात उठ रही थी कि वह आगे क्या करेंगे?
मैं पीएम मोदी का शुक्रगुजार हूं - पशुपति पारस
पशुपति पारस ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उनके साथ नाइंसाफी हुई है, कैबिनेट मंत्री के पद से मैं त्यागपत्र देता हूं. उन्होंने आगे कहा कि मैंने लगन और वफादारी से एनडीए की सेवा की, लेकिन मेरे साथ व्यक्तिगत तौर पर नाइंसाफी हुई है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने पारस से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि जितना बोलना था, बोल दिया. अब आगे की राजनीति हम और अपने पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर बातचीत के बाद तय करेंगे.
हालांकि इस्तीफा देते-देते उन्होंने यह भी कहा कि मैं आज पीएम मोदी का शुक्रगुजार हूं.
सीट शेयरिंग में एनडीए में लोजपा रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान को हाजीपुर के लिए टिकट देने पर अपनी सहमति दिखाई गई, जिसके बाद पशुपति पारस नाराज हो गए. दरअसल पारस हाजीपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ते आए हैं. एनडीए के इस फैसले के बाद वह नाराज हैं. आगे देखना होगा की पारस अकेले ही चुनावी मैदान में उतरते हैं या फिर इंडिया गठबंधन के साथ जाते हैं.