प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सोमवार को टीएमसी नेता ने आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है. टीएमसी नेता ने पीएम पर आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग को इस बारे में शिकायत की है. टीएमसी नेता का आरोप है कि प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रचार के दौरान केंद्र सरकार के धन का इस्तेमाल किया गया है, जिससे आचार संहिता का उल्लंघन होता है.
तृणमूल कांग्रेस के नेता ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर इस बारे में शिकायत की है. तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 16 मार्च को पीएम ने व्हाट्सएप पर मतदाताओं तक मैसेज पहुंचाया है, जिससे आचार संहिता का उल्लंघन होता है. मैसेज में उन्होंने सरकार के कार्यक्रमों और उपलब्धियां को गिनाया है. इसके पहले 15 मार्च को भी पीएम ने मतदाताओं को एक पत्र के रूप में संदेश भेजा था.
सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया
चुनाव आयोग को लिखे गए पत्र में शिकायत करते हुए राज्यसभा सांसद ने लिखा कि प्रधानमंत्री के कार्यालय का उपयोग करके भाजपा ने भारत सरकार द्वारा भेजे गए एक संदेश की आड़ में उपरोक्त पत्र को जारी किया है. यह सरकारी खजाने का दुरुपयोग है. यह भारत के चुनाव आयोग के आदेशों का उल्लंघन है. इस तरह का व्यापक प्रचार प्रसार भाजपा और पीएम मोदी के पक्ष में मतदाताओं को एकजुट करने के प्रयास के अलावा और कुछ भी नहीं है.
डेरेक ओब्रायन ने दावा किया कि मैसेज में लिखा गया है कि पिछले 10 साल में देश के 140 करोड़ से अधिक लोगों को भारत सरकार की योजनाओं से लाभ मिला है. पीएम की और से भेजे गए इस मैसेज से भाजपा का प्रचार-प्रसार हो रहा है.
उन्होंने आगे लिखा कि निर्वाचन आयोग से आग्रह करता हूं कि भाजपा और उसके उम्मीदवार सरकारी खजाने का इस्तेमाल चुनावी अभियानों के दौरान ना करें और व्हाट्सएप पर भेजे गए पत्र को वापस लेने के लिए भी उचित निर्देश दिए जाएं. पीएम के पत्र को मतदाताओं तक भेजने में जो लागत आई, उसे भाजपा और पीएम मोदी के चुनावी व्यय में शामिल किया जाए.
सोमवार को टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने भी पीएम के खिलाफ शिकायत की थी. गोखले ने आरोप लगाया कि पीएम ने आंध्र प्रदेश के पलनाडु में लोकसभा सीट चिलकलुरिपेट में चुनावी रैली के दौरान वायु सेना के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया था.