देश में राजनीति संभावनाओं पर चलती है, आज कोई नेता-विधायक इस पार्टी के साथ मजबूती से खड़ा है तो चुनाव आते-आते वह दूसरी पार्टी में शामिल हो जाता है. कई बार ऐसा भी होता है कि खुद की ही पार्टी में शामिल नेता-मंत्री पार्टी विरोधी बन जाते हैं. इसी का ताजा मामला बिहार में देखने को मिल रहा है, जहां जदयू के नेता ने अपने ही पार्टी के सीएम को लेकर बयान देना शुरू कर दिया है.
जदयू के विधायक गोपाल मंडल को तो सभी जानते ही होंगे. वहीं गोपाल मंडल जिन्होंने अस्पताल में बंदूक लहराने के बाद सुर्खियां बटोरी थी और बाद में प्रदर्शनकारियों को थप्पड़ जड़ने, अर्धनग्न घुमने और विवादित बयानों से खबरों में जगह बनाई थी. इस बार विधायक गोपाल मंडल ने अपने बयानों से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है.
नीतीश कुमार मर मिट जाएंगे लेकिन कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे - गोपाल मंडल
जदयू विधायक गोपाल मंडल ने नीतीश कुमार के बारे में कहा कि अगर सीएम नीतीश कुमार भाजपा में शामिल होते हैं तो उनका राजनीतिक पतन हो जाएगा. बुधवार को भागलपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए गोपाल मंडल ने कहा कि जदयू पार्टी बीजेपी को कुछ नहीं मानती है, हां पहले हमारी पार्टी भाजपा के साथ विलय में थी लेकिन अब हम भाजपा को कुछ नहीं मानते.
नीतीश कुमार अगर भाजपा की ओर चले जाते हैं तो उनकी बरबादी निश्चित है. नीतीश कुमार का राजनीतिक पतन भाजपा में शामिल होते के साथ शुरू हो जाएगा. गोपाल मंडल ने आगे कहा कि नीतीश कुमार मर मिट जाएंगे लेकिन कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे.
गोपाल मंडल यही नहीं रुके उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के पुराने साथी और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के खिलाफ भी बयान दिया. जीतन मांझी के लिए विधायक गोपाल मंडल ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि मांझी बूढ़े हो गए हैं, बुढ़ापे में वह सठिया गए हैं, उनकी बातों का अब कोई वैल्यू नहीं है.
सीएम नीतीश कुमार ने मांझी को मुख्यमंत्री बनाकर बड़ी गलती की थी. मांझी मुसहर जाति से आते हैं. उन्हें सीएम नहीं बनना चाहिए था, वह अब भड़-भड़ कर रहा है. उसका कोई गिनती नहीं है. वह यहां से वहां, वहां से यहां, यही करते रहता है.
गौरतलब है कि जीतन राम मांझी को सीएम की कुर्सी पर बिठाने वाले नीतीश कुमार ने भी भरी सभा में उन्हें ये कुर्सी देने पर पछतावा किया था. नीतीश कुमार के बयानों पर राज्य में उनकी खूब किरकिरी हुई थी. पूर्व सीएम मांझी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया था कि दलित होने की वजह से उनके साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है.