BPSC शिक्षक नियुक्ति परीक्षा अब भी सुर्खियों में बनी हुई है. 1 लाख 70 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति का मामला फिर से कानूनी पेच में फंस गया है.
सुप्रीम कोर्ट फिर पहुंचे शिक्षक भर्ती
दरअसल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने शिक्षक नियुक्ति परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. 25 सितंबर को ही राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक समेत कई अन्य पदाधिकारियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी यानी स्पेशल लीव पिटिशन तैयार की गई है.
जिसमें बिहार सरकार ने कहा है कि B.Ed पास अभ्यर्थियों को प्राइमरी टीचर के पद पर नियुक्त करने की इजाजत दी जानी चाहिए.
3 लाख से ज्यादा B.ed उम्मीदवारों पर रोक
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिहार में होने वाली BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा में B.ed पास अभ्यर्थियों को कक्षा 1 से 5 यानि प्राइमरी शिक्षक नहीं बनाने पर अपना फैसला दिया था. जिसके बाद शिक्षक भर्ती में शामिल 3 लाख से ज्यादा B.ed कैंडिडेट्स के रिजल्ट पर रोक लग गई थी. बिहार में भी डीएलएड पास उम्मीदवारों को ही रिजल्ट जारी किया गया था.
राजस्थान के शिक्षक बहाली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था. कि बीएड डिग्री धारक छात्र प्राइमरी शिक्षक के लिए मान्य नहीं होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ बीटीसी या डीएलएड या उससे समानांतर डिग्री वालों को ही कक्षा 1 से 5 तक के ही अभ्यर्थियों को प्राइमरी शिक्षक के लिए मान्य किया था.
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला तब आया. जब बिहार में शिक्षक नियुक्ति की परीक्षा कुछ ही दिनों में होने वाली थी.