झारखंड लोकसभा चुनाव 2024 सर पर है. चुनाव के लिए पार्टियों की तैयारियां जोरों पर हैं. झारखंड में मुख्यत दो ही पार्टियों की चर्चा खबरों में आती है. एक सत्ताधारी झामुमो और विपक्षी दल भाजपा. इसके अलावा झारखंड में कई राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हैं, जिनमें कांग्रेस और राजद का भी नाम शामिल है.
झारखंड राज्य का जबसे गठन हुआ है तब से लेकर अब तक छह नए मुख्यमंत्रियों ने राज्य की बाग़डोर को संभाला है. 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य का गठन हुआ था, जिसके बाद पहली बार बाबूलाल मरांडी ने झारखंड राज्य में मुख्यमंत्री पद को संभाला था. वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन है.
झारखंड में बीजेपी ने पांच बार अपनी सरकार बनायी
23 सालों में पांच बार भाजपा ने झारखंड में अपनी सरकार बनाई, छह बार झामुमो सत्ता में आई. राज्य में एक बार निर्दलीय मुख्यमंत्री बने और 3 बार झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगा.
बाबूलाल मराठी ने 15 नवंबर 2000 से 18 मार्च 2003 तक झारखंड की सत्ता को संभाला. इसके बाद मार्च 2003 से मार्च 2005 तक 1 साल 349 दिन के लिए अर्जुन मुंडा ने झारखंड के मुख्यमंत्री रहे. शिबू सोरेन ने मार्च 2005 से मार्च 2005 तक, सिर्फ 10 दिनों के लिए झारखंड सीएम की कुर्सी को संभाला. सितंबर 2006 से अगस्त 2008 तक 1 साल 345 दिन के लिए मधु कोड़ा निर्दलीय झारखंड के सीएम बने थे.
अगस्त 2008 से जनवरी 2009 तक 143 दिन के लिए शिबू सोरेन फिर से झारखंड के सीएम बने. इसके बाद जनवरी 2009 से लेकर दिसंबर 2009 तक 344 दिन के लिए झारखंड में राष्ट्रपति शासन रहा. राष्ट्रपति शासन हटने के बाद दिसंबर 2009 से मई 2010 तक 152 दिन के लिए झामुमो प्रमुख ने झारखंड के सीएम का पद संभाला. इसके बाद फिर से 101 दिनों के लिए झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया.
सितंबर 2010 से जनवरी 2013 तक 2 साल 129 दिन के लिए अर्जुन मुंडा (भाजपा) झारखंड के सीएम बने. इसके बाद फिर से और आखरी बार जनवरी 2013 से जुलाई 2013 तक 176 दिन के लिए राष्ट्रपति शासन झारखंड में लगाया गया.
केवल रघुवर दास ने पूरा किया है, 5 साल का कार्यकाल
झामुमो सुप्रीमो के बेटे हेमंत सोरेन ने जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 तक 1 साल 163 दिन के लिए झारखंड राज्य के सीएम के तौर पर काम किया. इसके बाद फिर से भाजपा सत्ता में आई और 5 सालों के लिए रघुवर दास ने झारखंड सीएम के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया. दिसंबर 2019 में एक बार फिर से झामुमो की सरकार बनी और हेमंत सोरेन ने सीएम की कुर्सी संभाली. लेकिन 31 जनवरी 2024 को ईडी की कार्रवाई में उन्हें जेल हो गई. और हेमंत सोरेन का कार्यकाल 4 साल 33 दिन तक चलकर खत्म हो गया.
जिसके बाद अभी झामुमो के नेता चंपई सोरेन झारखंड सीएम के तौर पर सेवा दे रहे हैं.
सीएम का कार्यकाल 5 साल का होता है, लेकिन झारखंड में सिर्फ एक बार सरकार ने 5 साल पूरा किया है. रघुवर दास(भाजपा) अकेले ऐसे सीएम हैं जिन्होंने 5 सालों तक सीएम के तौर पर काम किया है.