झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सिविल कोर्ट, कंज्यूमर कोर्ट और ज्यूडिशियल फोरम में छह महीने के अंदर दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर, रैंप और स्पेशल स्टाइल के टॉयलेट की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.
शनिवार को पीपुल यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव को इस निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है.
अधिवक्ता शैलेश पोद्दार ने दलीलें
पीपुल यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टी ने अपनी याचिका में कहा है कि राज्य के सिविल कोर्ट और अन्य न्यायिक संस्थाओं में दिव्यांगों के लिए उचित व्यवस्था नहीं होने से उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ऐसे में उनके लिए न्याय हासिल करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है. राज्य सरकार को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए.
कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए. इसे निष्पादित कर दिया. प्रार्थी की ओर से जहां मामले में अधिवक्ता शैलेश पोद्दार ने दलीलें दीं. वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा.