Jharkhand News: दक्षिण अफ्रीका में फंसे झारखंड के 27 प्रवासी मजदूर, प्रशासन से लगा रहे वापसी की गुहार

Jharkhand News: झारखंड के 27 प्रवासी मजदूर काम करने वतन से बाहर गए थे, लेकिन अब वह वहीं फंस गए हैं. मजदूरों ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार से अपने वतन वापसी के लिए गुहार लगाई है.

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साउथ अफ्रीका में फंसे झारखंड के मजदूर

साउथ अफ्रीका में फंसे झारखंड के मजदूर

झारखंड के 27 प्रवासी मजदूर काम करने वतन से बाहर गए थे, लेकिन अब वह वहीं फंस गए हैं. साउथ अफ्रीका के कैमरून में बोकारो सहित राज्य के दो दर्जन से ज्यादा मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूरों ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार से अपने वतन वापसी के लिए गुहार लगाई है. पिछले 4 महीनों से मजदूरों को कंपनी ने मजदूरी नहीं दी है. जिसके बाद इन सभी मजदूरों के खाने-पीने पर संकट खड़ा हो गया है. विदेश में फंसे होने की जानकारी प्रशासन को मिलने के बाद वतन वापसी के लिए कार्यवाही शुरू की गई है. प्रवासी मजदूरों ने वीडियो के जरिए अपने वेतन भुगतान के भी मांग रखी है.

मजदूरों ने कहा कि जिस कंपनी में हम काम कर रहे थे, वह हमारी कोई सूध नहीं ले रही है. ठेकेदार जिन्होंने हमें झारखंड से यहां लाया था, वह भी हमारी बात नहीं सुन रहा है. ना हमारे पास खाने के लिए अनाज बचा है और ना ही कंपनी इसकी व्यवस्था कर रही है. कंपनी रिचार्ज के पैसे भी नहीं दे रही है. जिसके कारण हम घर वालों से भी संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. मजदूरों ने बताया कि वह सभी 29 मार्च को कैमरून पहुंचे थे.

दक्षिण अफ्रीका में गिरिडीह जिला के शुकर महतो,‌ डुमरी थाना क्षेत्र के रमेश महतो, विजय कुमार महतो, दूधपनिया के दौलत कुमार महतो, हजारीबाग के बिसुन, जोबार के टेक लाल महतो, खरना के छात्रधारी महतो,  भीखन महतो, चानो के चिंतामणि महतो, बोकारो के मोहन महतो, डीग्लाल महतो, गोविंद महतो, चुरामन महतो, जगदीश महतो, मुरारी महतो, लखीराम, पुसन महतो, गोनियाटो के कमलेश कुमार, महेश कुमार, दामोदर महतो, मुकुंद कुमार, नारायणपुर के परमेश्वर महतो, धवैया के अनु महतो, धनेश्वर महतो, रालीबेडा के शीतल महतो और कुलदीप हंसदा फंसे है.

इसके पहले भी झारखंड के प्रवासी मजदूरों के विदेश में फंसने की खबर आ चुकी है. पहले भी कई बार राज्य से ज्यादा पैसा कमाने का लालच देकर लोगों को विदेश ले जाया  जा चुका है. जिसमें कई मजदूर वहां जाकर फंस चुके हैं, जिन्हें काफी मशक्कत के बाद वतन वापस लाया गया. राज्य में नौकरी और रोजगार की कमी के कारण इन मजदूरों को मजबूरन अपना राज्य ही नहीं बल्कि अपने देश को भी छोड़ कर बाहर जाना पड़ता है. ऐसे में मौजूदा सरकार को अपने नागरिकों के लिए राज्य में ही रोजगार के कई अवसर पैदा करने होंगे.

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