झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जमीन घोटाला मामले में पिछले 5 महीने से जेल की सलाखों के पीछे थे. हेमंत सोरेन ने इस दौरान हर एक कोर्ट में अपने जमानत के लिए याचिका लगाई थी, लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिली थी. हालांकि इस लंबे जमानत के इंतजार का फल अब हेमंत सोरेन को मिला है. शुक्रवार को राज्य के हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है.
झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन की रिहाई का फैसला सुनाया है. जस्टिस रंजन मुखोपाध्याय ने झाममो नेता को 50 हजार रुपए के मचलके पर जमानत दी है.
बता दें कि झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को 31 जनवरी 2024 की रात लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार किया था. बड़गाई अंचल के 8.5 एकड़ जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन के अलावा 23 लोगों को इसमें गिरफ्तार किया गया है. मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी हेमंत सोरेन के खिलाफ है. जेल से बाहर आने के लिए राज्य के पूर्व सीएम ने पीएमएलए कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था. 13 जून को आखिरी बार हेमंत सोरेन के मामले पर सुनवाई हुई थी. हाईकोर्ट की सुनवाई में झामुमो नेता के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में हेमंत सोरेन के रिहाई की पैरवी की थी. ईडी की ओर से वकील एसवी राजू ने हेमंत सोरेन के जमानत का विरोध किया था और कोर्ट से आग्रह किया था कि उन्हें जमानत ना दी जाए. दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया है.
कोर्ट के आदेश के बाद आज फैसले की कॉपी जेल चली जाएगी, यानी शनिवार को हेमंत सोरेन जेल से बाहर आ सकते हैं. हेमंत सोरेन की रिहाई के बाद अब झारखंड के विधानसभा चुनाव पर इसका असर देखने मिल सकता है. इधर सीएम कुर्सी पर भी हेमंत सोरेन की वापसी के कयास लग रहे है. पूर्व सीएम की वापसी से राज्य के राजनितिक समीकरण पर इसका असर देखने मिल सकता है.