2 नवंबर को बिहार में ऐतिहासिक शिक्षक भर्ती परीक्षा का नियुक्ति पत्र बांटा जाएगा. मुख्यमंत्री गुरुवार को अपने पूरे दलबल के साथ गांधी मैदान में गठबंधन की सरकार में लाखों नौकरियां शिक्षकों के हाथों में सौंपेंगे.
गांधी मैदान सज-धज के इस एतिहासिक दिन को साक्षी बनने को तैयार है. पटना सहित हर जिलों में तैयारी कर ली गई है. हालांकि गठबंधन की सरकार ने इस नौकरी पर हजारों सवाल अभ्यर्थियों और विपक्षी पार्टियों की तरफ से लगातार उठाए जा रहे हैं.
बीपीएससी ऑफिस के बाहर रिजल्ट जारी होने के बाद से ही शिक्षक अभ्यर्थी रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं. दिव्यांग अभ्यर्थी भी आयोग के कार्यालय के बाहर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं.
परीक्षा धांधली में राज्य सरकार खुद शामिल
बिहार में राजनीतिक पार्टियां भी शिक्षक भर्ती के इस परीक्षा में अपनी बयान-बाजियों को भुनाने में लगी हुई है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने जहां नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. वही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी शिक्षक भर्ती परीक्षा में बड़े बनाने पर गड़बड़ी होने का आरोप लगाया है.
31 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री ने शिक्षक नियुक्ति की परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार लोक सेवा आयोग को जांच के हेतु पत्र भी लिखा है. इसके साथ उन्होंने तंज कसते हुए है कि इस परीक्षा धांधली में राज्य सरकार खुद शामिल है तो इस अनियमितता पर कार्रवाई किसकी तरफ से की जाएगी.
2 नवंबर को एक तरफ जहां नियोजित शिक्षकों को बांटा जाएगा. वही दूसरी तरफ़ 11:30 बजे जीतन राम मांझी अपने आवास पर शिक्षक अभ्यर्थी अदालत का आयोजन करने वाले हैं. इस अदालत में मांझी ने राज्य के सभी शिक्षक अभ्यर्थियों को अपनी शिकायत को दर्ज करने को कहा है.