बिहार में छठ के दौरान गोपालगंज और सीतामढ़ी में जहरीले शराब से मौत की खबरें सामने आई थी. इन दोनों जिलों में जहरीले शराब से 10 जिंदगियां मौत के मुँह में समा गई.
राज्य में शराबबंदी कानून सभी स्तर पर फेल नजर आ रहा है. अब भी कई लोग खुलेआम शराब का कारोबार करते हुए पकड़े जाते हैं. लेकिन इस शराबबंदी में सबसे ज्यादा गरीब तबके का परिवार झुलसता है. गरीबी में लोग महंगी शराब खरीद नहीं पाते हैं और कम दामों के शराब के पीछे अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं. जहरीली शराब से हुए मौतों पर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि जो पियेगा वह तो मरेगा ही.
”जनरल डॉयर” टाईप लाईन में खड़ा करके सबको गोली मार दीजिए
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के जीतन राम मांझी ने जहरीली शराब से हुई मौतों पर नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर ट्वीट कर लिखा है कि ज़हरीली शराब के नाम पर दलितों को थोड़ी-थोड़ी मौत क्यों बांट रहें हैं नीतीश जी? एक ही बार ”जनरल डॉयर” टाईप लाईन में खड़ा करके सबको गोली मार दीजिए, आपके नफ़रत का अंत हो जाएगा. ज़हरीली शराब से हो रही मौत को नहीं रोक सकते तो शराबबंदी कानून का क्या मतलब है? कम से कम गुजरात से तो सबक लीजिए.