अक्सर पारंपरिक मीडिया में आपने पारंपरिक खबरों को ही चलते देखा होगा. भले ही वह मीडिया राज्य या देश की हो. आपने अक्सर खबरों में राजनेताओं के बयान, बॉलीवुड-भोजपुरी की खबरें, विदेशी खबरों को प्राथमिकता देते हुए देखा होगा.
इस तरह की खबरों से अलग हटकर बिहार जैसे पिछड़े राज्य में डेमोक्रेटिक चरखा पीछले तीन सालों से सक्रिय बदलाव ला रहा है.
पटना में सक्रिय डेमोक्रेटिक चरखा ने बिहार के साथ ही झारखंड में भी समाज के और उन समुदाय के मुद्दों को प्राथमिकता से उठाया है, जिन्हें अखबार, वेब मीडिया और टीवी चैनल अपने पोर्टल से दूर रखता है. राज्य में डेमोक्रेटिक चरखा ने अपने काम से अलग पहचान बनाई है.
पटना के तीन बड़ी स्लम बस्तियों के बच्चे हुए शामिल
इसी कोशिश को लेकर आज पटना में डेमोक्रेटिक चरखा ने बस्ती के बच्चों को मीडिया ट्रेनिंग दी. पटना के तीन बड़ी स्लम बस्तियों के बच्चों के लिए दो दिवसीय मीडिया ट्रेनिंग का आयोजन किया गया.
यारपुर, कमला नेहरू नगर और आर ब्लॉक के बच्चों को डेमोक्रेटिक चरखा और समर चैरिटेबल ट्रस्ट ने मिलकर मीडिया ट्रेनिंग दी है. इस ट्रेनिंग में बच्चों ने खुद बताया कि आजकल की खबरों में बस्ती की समस्याओं को कोई जगह नहीं दी जाती है. स्मार्ट सिटी के नाम पर बस्तियों को उजाड़ा जा रहा है और उन्हें बसाने का काम नहीं किया जा रहा है.
बच्चों ने सिखा कि किस तरीके से उन्हें अपने आसपास की समस्याओं को प्राथमिकता से उठाना होगा. दो दिवसीय कार्यक्रम में पहले दिन बच्चों ने जाना कैसे उन्हें फोटो लेना हैं, समस्याओं पर वीडियो बनाना हैं और किस तरीके से समस्याओं को लेकर सवाल तैयार करना हैं.