बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी बीते कुछ दिनों से अपने ट्वीट के कारण सुर्खियां बटोर रहे हैं. उनके एक कविता ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया था, जिसमें विपक्ष की ओर से यह सवाल उठ रहे थे कि जदयू के नेता अपने सीएम को रिटायर होने की सलाह दे रहे हैं. इस कविता के विवादों के बीच उन्होंने सीएम से मुलाकात कर उन्हें अपना मानस पिता बताया था. इस घटना के बाद आज सीएम ने उन्हें जदयू की बड़ी जिम्मेदारी दे दी है. अशोक चौधरी का पद बढ़ाते हुए उन्हें जदयू के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी गई है.
नीतीश कुमार के इस कदम से यह साफ संकेत मिल रहे हैं की पार्टी में अशोक चौधरी का कद और सीएम से उनका संबंध दोनों बरकरार है. बिहार में विधानसभा चुनाव के बीच जदयू ने पिछले दोनों में कई फेर बदल किए हैं. इसके पहले संजय झा को जदयू में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया, श्याम रजक को भी पार्टी ने वापसी के बाद बड़ी जिम्मेदारी दी गई और अब अशोक चौधरी पर सीएम ने बड़ा भरोसा जताया है.
बता दें कि 31 अगस्त को अशोक चौधरी ने भूमिहारों को लेकर विवादस्पद टिप्पणी की थी. इसके बाद जदयू ने भी उनसे किनारा कर लिया था और उन्हें नसीहत दे डाली थी. इस घटना का शोर अभी थमा भी नहीं था कि तब तक अशोक चौधरी ने बढ़ती उम्र को लेकर एक कविता पोस्ट कर दी थी. जिसपर फिर से बवाल मच गया था.
मंत्री अशोक चौधरी को सीएम नीतीश कुमार का बेहद गरीबी कहा जाता है. 2017 में जब सीएम ने महागठबंधन का साथ छोड़ा तब अशोक चौधरी कांग्रेस से इस्तीफा देकर जदयू में आ गए थे. वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. हाल में ही अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी ने लोजपा(रामविलास) के टिकट पर समस्तीपुर(सुरक्षित) सीट से लोकसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी.