देश का नाम इंडिया से भारत करने की चर्चा देशभर में काफी समय से चल रही है। सितंबर माह में देश की प्रथम महिला श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने जी-20 रात्रि भोज के निमंत्रण में भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिखा था। इसके बाद से देशभर में इंडिया और इंडिया के नाम को लेकर चर्चा गर्म हो गई थी. प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों में भारत के नाम की नेमप्लेट देखी गई हैं. भारत और इंडिया नाम को लेकर देश के कोने-कोने से कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही थीं.
पाठ्यपुस्तकों में देश का नाम बदलकर भारत
देशभर में एक बार फिर भारत और भारत के नाम की चर्चा शुरू होने वाली है. दरअसल, एनसीईआरटी ने बुधवार को 12वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तकों में देश का नाम बदलकर भारत करने को मंजूरी दे दी. एनसीईआरटी पैनल के सीआई इसाक ने कहा है कि अब देश में एनसीईआरटी किताबों के नए सेट में देश का नाम इंडिया की जगह भारत लिखा जाएगा.
कुछ महीने पहले एनसीईआरटी पैनल में किताबों में देशों के नाम बदलने का प्रस्ताव रखा गया था. जिसे अब स्वीकार कर लिया गया है. एनसीईआरटी पैनल ने किताबों में प्राचीन इतिहास के स्थान पर शास्त्रीय इतिहास शब्द का उपयोग करने की भी सिफारिश की है.
इस फैसले के बाद जल्द ही एनसीईआरटी की किताबों में ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिलने वाला है. हालांकि, देखना यह होगा कि इस बदलाव को लेकर देश में किस तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं.