रविवार को पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों के ऊपर हुए लाठीचार्ज का मुद्दा राजनीति में उतर चुका है. जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर पर छात्रों को उकसाने और पिटवाने का आरोप लगा है. इसके साथ ही लाठीचार्ज के दौरान पीके के फरार हो जाने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. इन तमाम आरोपों के बीच पीके ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले पर सफाई दी है.
पीके ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रशासन की ओर से अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि मंडल से चीफ सेक्रेट्री, बिहार के बात करने पर सहमति बनी थी. हमने अभ्यर्थियों के सामने कहा कि मुख्य सचिव उनसे मिलना चाहते हैं. यह कह कर हम वापस गांधी मैदान जाकर गांधी मूर्ति के पास बैठ गए. जब हम गांधी मूर्ति के पास धरने पर बैठे थे, तब हमको पता चला कि अभ्यर्थियों के ऊपर लाठीचार्ज हुआ है. हम अभ्यर्थियों को छोड़कर नहीं भागे थे.
उन्होंने आगे कहा की लाठी बरसाने वाले पुलिस वालों के खिलाफ हम एफआईआर करेंगे. हम कोर्ट और मानव अधिकार आयोग जाएंगे. आंदोलन खत्म नहीं होगा. हम डरने वाले नहीं है. बीपीएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी की उच्च स्तरीय जांच करवाएंगे. अगर यह मामला नहीं निपटा तो हम खुद 2 जनवरी से अभ्यर्थियों के साथ धरने पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि हम किसी वर्दी और कुर्ता पजामा वाले से डरने वाले नहीं है.
वहीं छात्रों के भी आरोपों पर पीके ने कहा कि अभ्यर्थी मेरे खिलाफ बोल रहे हैं, पर मुझे कोई दिक्कत नहीं मैं साथ दूंगा.