4 जून को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट यूजी परीक्षा(NEET UG Exam) का रिजल्ट जारी किया. नीट यूजी में इसबार 67 स्टूडेंट्स ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की. नीट के इस बार के रिजल्ट पर देशभर से सवाल खड़े हो रहे हैं. रिजल्ट जारी होने के लगातार बाद से छात्र टेस्टिंग एजेंसी पर सवाल खड़े कर रहे हैं. रिजल्ट देखने के बाद यह सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर इतने सारे बच्चों के फुल मार्क्स कैसे आ गए, वह भी नेगेटिव मार्किंग होने के बावजूद? इन सवालों के जवाब देते हुए एनटीए ने सफाई भी दी है, जिसमें उसने बताया कि फुल मार्क्स देने के पीछे क्या कारण रहे.
1500 छात्रों को ग्रेस मार्क्स
टेस्टिंग एजेंसी ने कहा कि कुछ रिप्रेजेंटेशन मिले, जिनमें छात्रों ने कोर्ट केस का भी हवाला दिया है. छात्रों ने कहा है कि परीक्षा में कम समय मिला था. इसके अलावा 5 मई को हुई परीक्षा में कई जगह पेपर लीक होने के भी सवाल उठे थे और राजस्थान में एक परीक्षा केंद्र पर कुछ छात्र जबरन परीक्षा केंद्र के बाहर चले गए थे, इसके चलते कई सेंटरों पर स्टूडेंट्स को एग्जाम में कम समय मिला. इसके आधार पर एनटीए ने उच्च स्तरीय कमेटी बनाई और कमेटी ने 1500 छात्रों को ग्रेस मार्क्स देकर उन्हें पास किया है, जिन्हें परीक्षा में कम समय मिल पाया उन्हें ग्रेस मार्क्स दिया गया है.
एजेंसी ने आगे कहा कि 5 मई को पेपर लीक की अफवाह की तरह ही रिजल्ट आने के बाद भी गलत बयान बाजी और पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहे हैं. टेस्टिंग एजेंसी ने रिजल्ट में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी से साफ इनकार किया है. इसके अलावा एनसीईआरटी की पुरानी किताब में एक क्वेश्चन का आंसर अलग था, जबकि नई किताब में अलग इसके आधार पर भी एनटीए ने दोनों ही विकल्पों को सही माना था. पेपर आसान होने के कारण भी टॉपर्स में बढ़ोतरी हुई है, एक केंद्र पर 7 टॉपर रहे हैं. इधर जिन 67 स्टूडेंट्स को AIR 1 आए हैं इन सभी स्टूडेंट्स का स्कोर 720 है.
एजेंसी के जवाब के बाद भी देशभर के कई जाने-माने कोचिंग सेंटर इससे खुश नहीं है और लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रख रहे हैं. बच्चों ने भी एनटीए पर रिजल्ट गड़बड़ी का आरोप लगाया है.