बिहार में पहली बार जिलों के डीएम के कामकाज की समीक्षा की गई. तमाम जिलों के डीएम की समीक्षा के बाद रैंकिंग जारी की गई है, जिसमें बांका जिले के डीएम पहले नंबर पर रहे हैं. बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में जिला स्तर पर विभाग के स्तर से चलने वाले सभी तरह के काम काज और योजनाओं की समीक्षा कर डीएम की रैंकिंग को जारी किया.
राजस्व विभाग की सभी प्रमुख योजनाओं की जिला स्तर पर मॉनिटरिंग और उनके सफल क्रियान्वयन को आधार बनाते हुए जिलों के डीएम को अंक दिए गए. आठ बिंदुओं पर की गई समीक्षा में जमीन से संबंधित योजनाओं एवं कार्यों की मॉनिटरिंग तथा क्रियान्वयन में सबसे पीछे अररिया जिला के डीएम अनिल कुमार रहे. डीएम अनिल कुमार को 100 में से महज 20.9 अंक मिले हैं. इसके बाद खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में सहरसा डीएम वैभव चौधरी को 25.11 अंक मिले हैं. पश्चिमी चंपारण के डीएम दिनेश कुमार राय को 26.03 अंक, नवादा के डीएम आशुतोष कुमार वर्मा को 26.61 और पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह को सिर्फ 26.92 अंक मिले हैं.
इस लिस्ट में सबसे पहले स्थान पर बांका के डीएम अंशुल कुमार, दूसरे पर शेखपुरा के डीएम आरिफ और तीसरे पर सिवान के डीएम मुकुल कुमार गुप्ता रहे हैं. बांका डीएम को 100 में से 56.80 अंक मिले हैं, जबकि शेखपुरा डीएम को 51.33 और सिवान डीएम को 42.68 अंक मिले हैं.
इनके अलावा 30 फीसदी या इससे कम अंक पाने वाले जिलों और उनके डीएम में अरवल के डीएम कुमार गौरव को 30.48 अंक, भागलपुर के डीएम नवल किशोर चौधरी को 30.21 अंक, जमुई की डीएम अभिलाषा शर्मा को 29.68, लखीसराय के डीएम मिथिलेश मिश्रा को 29.44 अंक और गया के त्याग रंजन एसएम को 29.29 अंक मिले हैं. मधुबनी के डीएम अरविंद कुमार शर्मा को 29.23, शिवहर के डीएम विवेक रंजन को 28.37, खगड़िया के डीएम अमित पांडे को 28.31, मधेपुरा डीएम तरनजोत सिंह को 28.17, गोपालगंज डीएम मोहम्मद मसूद आलम को 27.67, कटिहार डीएम मनीष मीणा को 27.47 और रोहतास की डीएम उदिता सिंह को 26.99 अंक मिले हैं.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने डीएम की रैंकिंग को वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट में भी शामिल करने की सिफारिश की है, ताकि भूमि संबंधित योजनाओं को बेहतर किया जा सके. डीएम के प्रदर्शन को 8 मानदंडों पर परखा गया, जिनमें दाखिल खारिज मामलों का निपटारा, परिमार्जन प्लस योजना, अभियान बसेरा 2, आधार सीडींग और एडीएम कोर्ट की निगरानी शामिल थी. इसमें हर एक के लिए अलग-अलग अंक रखे गए थे न, जिन्हें मिलाकर कुल 100 अंक डीएम को दिए जाने थे.