पटना में लालू यादव के नाम पर हुई गुंडागर्दी पर राज्य में बवाल मचा हुआ है. बीते दिन राजधानी में सरेआम आईएएस अधिकारी को बदमाशों ने लालू यादव का नाम लेते हुए पीट दिया था. बदमाशों ने कहा कि वह लालू यादव के भाई का पोता है जो उखाड़ना है उखाड़ लो.
राजधानी पटना में हुई इस घटना पर राज्य के डिप्टी सीएम ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. अपने परिवार और सरकार के ऊपर लग रहे हैं इल्जामों को साफ करने के लिए तेजस्वी यादव खुर् मीडिया के सामने आए और घटना पर सफाई दी. डिप्टी सीएम ने कहा कि कार्यपालक अभियंता को जिसने भी मारा है वह लालू परिवार का सदस्य था. इस घटना की जानकारी होते ही हमने खुद फोन करके मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं.
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि अभी आप लोग तेजस्वी यादव को अभी जानते नहीं हैं. हम खुद फोन किए हैं और सख्त कार्रवाई की बात कही है. सगें हो या रिश्तेदार जो भी दोषी है उनके खिलाफ जरूर से जरूर कार्रवाई की जाएगी.
राज्य में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ बढ़ रहे अपराध पर भाजपा ने नीतीश- तेजस्वी की सरकार को घेरा है. भाजपा की ओर से कहा गया है कि राज्य में अराजकता और जंगलराज की वापसी हो रही है. बीते 18 महीने से बिहार की यही स्थिति है. राज्य में अपराधियों को बिना किसी हिचक के संरक्षण दिया गया है और वह आपराधिक घटनाओं को खुलेआम अंजाम दे रहे हैं. जंगलराज वापस आ गया है.
पूरी घटना 16 जनवरी की है, जब रात नशे में धुत्त बदमाशों ने रूपसपुर थाना क्षेत्र में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के साथ मारपीट की. रात को करीब 9:30 बजे नगर आयुक्त अरविंद कुमार सिंह पटना के गोला रोड से बोरिंग रोड जा रहे थे, तभी रास्ते में ही कुछ लोगों ने नगर आयुक्त की गाड़ी को रोक लिया. 10 से ज्यादा की संख्या में बदमाशों ने जबरन अरविंद सिंह को बात करने के लिए गाड़ी से नीचे उतरवाया. जैसे ही अरविंद सिंह गाड़ी से उतरे बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया.
अरविंद सिंह गया के डोभी नगर परिषद में कार्यपालक पदाधिकारी पद पर कार्यरत है. पूरी घटना को लेकर विजय कुमार सिंह ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई है. कार्यपालक अभियंता अरविंद सिंह के परिजनों ने तनुज यादव और बदमाशों के खिलाफ अटेंप्ट टू मर्डर का केस दर्ज कराया है. रूपसपुर थानाध्यक्ष रणविजय कुमार ने भी घटना के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मारपीट की शिकायत मिली है, मामले की जांच की जा रही है.
इस घटना के बाद राजनीति से लेकर पुलिस प्रशासन और लोगों में भी हड़कंप मच गया था. लोगों की तरफ से यह प्रतिक्रिया आने लगी की राज्य में लगातार पुलिस, प्रसाशनिक अधिकारियों को निशाने पर लिया जा रहा है. इसे लोग जंगलराज की वापसी मान रहे हैं.