बिहार के युवा दिल्ली सब्जियां भेजें तो गर्व होगा: प्रशांत किशोर

नीतीश कुमार केंद्र सरकार से बिहार के विकास के संदर्भ में कभी बातचीत करने नहीं गए हैं. उन्होंने कभी बिहार में बंद चीनी मिलों को खुलवाने आदि समस्याओं पर केंद्र से बातचीत नहीं की है.

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युवा दिल्ली सब्जियां भेजें

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चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार के कामकाज पर उंगली उठाई है. उन्होंने सीएम की प्राथमिकताओं और नीतियों को लेकर बड़ा सवाल खड़ा किया है. पीके ने कहा कि नीतीश कुमार केंद्र सरकार से बिहार के विकास के संदर्भ में कभी बातचीत करने नहीं गए हैं. उन्होंने कभी बिहार में बंद चीनी मिलों को खुलवाने आदि समस्याओं पर केंद्र से बातचीत नहीं की है.

पीके ने कहा है कि नीतीश कुमार को बिहार के विकास से कोई लेना-देना नहीं है. उनकी प्राथमिकता सिर्फ उनकी पार्टी है और वह सिर्फ अपनी पार्टी के बारे में सोचते हैं. उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार केवल जदयू की सीटों के बंटवारे, एमएलसी टिकट और राज्यसभा की चर्चा के लिए दिल्ली में दो-दो दिन बैठते हैं. लेकिन बिहार के बच्चों का पलायन कैसे रोका जाए, इस पर 18-19 साल से कोई वर्कशॉप, कोई बैठक और कोई भी कोशिश नहीं की है. जब तक प्रयास शुरू नहीं होंगे तब तक कुछ नहीं बदलेगा. लेकिन यहां तो सरकार प्रयास ही नहीं कर रही है.

पीके ने आगे हंसते हुए लहजे में कहा कि अगर हमारे लोग दिल्ली और मुंबई नहीं जाएंगे तो वहां की व्यवस्था ठप हो जाएगी. यह कोई गर्व की बात नहीं. हमारे भाई- बंधु दिल्ली मुंबई में कूड़ा कचरा साफ कर रहे हैं. ठेले पर सब्जी बेच रहे हैं. गर्व की बात तो तब होती जब बिहार की युवा पीढ़ी गया या औरंगाबाद में सब्जी उगाती और ट्रेन से दिल्ली भेजती. तब हम गर्व से कहते कि अगर बिहारियों को गाली दोगे तो सब्जी आपूर्ति बंद हो जाएगी. तब दिल्ली में समस्या खड़ी हो जाएगी.

लेकिन यहां के नेताओं की मानसिकता देखिए वह इसे गर्व की बात मानते हैं कि बिहारी मजदूर दिल्ली में सफाई और मजदूरी कर रहे हैं.

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