हाल में ही नीट परीक्षा और नेट पेपर लीक पर लाखों सवाल खड़े हुए हैं, जिसके बाद कई विद्यार्थियों ने पेपर लेने वाली एजेंसी NTA के खिलाफ कड़ा विरोध प्रदर्शन जाताया. मंगलवार को आयोजित हुई नेट की परीक्षा में मैं भी शामिल होने गई थी. पीएचडी की इस परीक्षा को लेकर मेरी पूरी तैयारी थी कि मैं परीक्षा निकाल लूंगी. हालांकि डर भी लग रहा था, लेकिन पढ़ाई पूरी थी और प्रोफेसर बनने के लिए जोश भी पूरा था. परीक्षा देने से पहले मेरे मन में भी एजेंसी के पेपर लीक वाली घटना पर यह सवाल आया था कि कहीं यह परीक्षा भी धांधली की भेंट न चढ़ जाए, लेकिन फिर एक पल को मैंने सोचा कि अभी धांधली के आरोप के बाद एजेंसी संभल गई होगी और उसने कड़े इंतजाम किए होंगे.
खैर मन के सवालों को दबाते हुए मैं परीक्षा केंद्र पहुंची, जहां ओएमआर शीट पर होने वाली परीक्षा के लिए कड़ी जांच प्रक्रिया हो रही थी. केंद्र पर जांच के दौरान मौजूद एक इनविजीलेटर से अभ्यर्थी की लड़ाई भी हो गई थी. दरअसल अभ्यर्थी ने अपने हाथ में शादी के सोने की अंगूठी पहनी थी. इनविजीलेटर ने जब उतारने को कहा तो दोनों के बीच में बकजक हो गई. अंत में अभ्यर्थी को अपने सोने की अंगूठी उतारनी पड़ी. इधर लड़कियों को बालों से कल्चर, क्लिप निकालना पड़े तो कई लोगों के कान और नाक पर सफेद टेप मर गया था. इन सबके बाद तीन जगहों पर वेरिफिकेशन प्रक्रिया हुई और आखिर में मुझे एक कोने वाली सीट मिल गई.
180 मिनट की परीक्षा में 150 क्वेश्चन पूछे गए थे जिस पर मेरा पूरा फोकस था. परीक्षा के दौरान मैंने अपने आप को सवालों में पूरी तरह झोंक दिया था. परीक्षा खत्म हुई तो मैं निश्चिंत होकर घर चली गई, मेरे चेहरे पर खुशी देखकर सभी और खुश थे. हालांकि यह खुशी महज 24 घंटे मेरे साथ रही और अब मानो वह मायूसी का मुखौटा पहने बैठ गई हो. खुशी यह मानने को तैयारी ही नहीं कि उसे मेहनत का खट्टा-मीठा कोई फल नहीं मिलेगा.
परीक्षा में अव्वल दर्जे का नकल
बुधवार की रात मुझे पता लगा कि परीक्षा रद्द हो गई है.
परीक्षा रद्द होने के बाद सोशल मीडिया पर देखा तो सबका यही सवाल है कि जब एक परीक्षा एजेंसी के हाथों नहीं संभली, तो दूसरी को उसने क्यों नहीं छोड़ा. एक यूजर ने एक्स पर ट्वीट किया कि NTA शक के बिनाह पर एक परीक्षा को रद्द कर देता है और सबूत के आधार पर दूसरी परीक्षा के रिजल्ट को सही करार देता है. एक परीक्षा 24 घंटे के अंदर ही शक के आधार पर रद्द हो जाती है, तो दूसरी महीनों तक घोटाला सिद्ध होने के बावजूद काउंसलिंग के दरवाजे पर पहुंच जाती है.
दरअसल परीक्षा घोटाला एक ट्रेंड बन रहा है. सोशल मीडिया पर जब हम कोई नई ड्रेस, नया गाना सुनते या नई रील देखते हैं और उसे करने की कोशिश करते हैं तो वह एक ट्रेंड बन जाता है. एक के बाद एक लोग बढ़ चढ़कर ट्रेंड में हिस्सा लेते हैं. मानो इसी तरह की भागा दौड़ी पेपर लीक करने के लिए भी लग रही है. हालांकि फोन वाला ट्रेंड कुछ समय रहता हैं और बदल जाता हैं, लेकिन पेपर लीक वाला ट्रेंड 10 सालों से हमारे देश का पीछे पड़ा है और भयानक रूप लेता जा रहा है.
साल 2013 में इतिहास के सबसे बड़े परीक्षा घोटाला व्यावसायिक परीक्षा मंडल(व्यापम) हमारे सामने आया था, जिसमें हजारों परीक्षार्थियों को दूसरे की जगह बैठ कर परीक्षा दिलाई गई थी. परीक्षा में अव्वल दर्जे का नकल और कई तरह की धांधलियां हुई थी, जिसमें हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया था. सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात व्यापक घोटाले की है कि 2007 से 2015 के बीच मामले से जुड़े करीब 32 लोगों की मौत हुई थी. इसमें से कुछ लोग बीमारी, आत्महत्या और एक्सीडेंट के कारण असमय मारे गए थे.
व्यापम घोटाला के बाद लोगों को उम्मीद आगे की जांच एजेंसियों के डर से ऐसे घोटाले नहीं होंगे. लेकिन राजनीति इस समय और चरम पर है. प्रभावशाली व्यक्तियों का वर्चस्व दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में घोटाले में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
कांग्रेस ने आज ही अपने सोशल मीडिया हैंडल एक पर यह जानकारी साझा की कि देश में पिछले 5 सालों में 43 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं, जिनका सीधा असर 1.75 करोड़ अभ्यर्थियों पर पड़ा है.
पेपर लीक जैसी यह घटना पूरे देशभर में वायरस की तरह फैल गई है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और बिहार तक इससे अछूते नहीं रहे हैं. 2022 में बिहार बोर्ड के दसवीं परीक्षा के शुरू होने से पहले ही मैथ का सवाल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. उसके पहले 2021 में बिहार अग्निशमन सेवा अग्निक भर्ती परीक्षा का भी पेपर लीक हुआ था. यूपी में 12वीं के अंग्रेजी का पेपर लीक हुआ. यूपीटीईटी 2021 का भी पेपर मथुरा, गाजियाबाद और बुलंदशहर में व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल हुआ था.
पेपर लीक करने वाले गिरोह किसी एक तरह की परीक्षा के पेपर लीक का जिम्मा नहीं लेते, उनके पास से कई अलग-अलग परीक्षाओं के ऑप्शंस मौजूद होते हैं. जैसे- बोर्ड परीक्षा, शिक्षक भर्ती परीक्षा, सिपाही भर्ती परीक्षा, नीट परीक्षा, नेट परीक्षा, क्लर्क परीक्षा शामिल है. ऐसे में वह दिन दूर नहीं जब पेपर लीक गिरोह स्कूल परीक्षाओं का भी जिम्मा लेगा.
हालांकि इस पूरे पेपर लीक प्रकरण में सरकार के भी सम्मिलित होने की खबरें आई है, लेकिन सरकार हर बार दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का टेप बजा देती है या फिर जांच चल रही है की माला.