आज दोपहर उत्तर प्रदेश में एक रेल घटना घटित हुई. इस रेल दुर्घटना में चार जिंदगियां चली गई. यह पहला मौका नहीं है जब दुर्घटनाओं में बिना गलती के आम आदमी की मौत हो जाती है. आम नागरिक इस बात से अनजान चलते या सफर करते हैं कि सरकारी तंत्र ने उनकी सेवा में है. सेवा यानी निर्स्वार्थ भाव से किसी काम को निभाना. सरकारी लापरवाहियों और अनदेखीयों के कारण बिहार से लेकर झारखंड, केरल और अब उत्तर प्रदेश समेत ना जाने कहां-कहां लोगों की मौत हो रही है. बिहार में अनगिनत ब्रिज गिरने की घटना में रिकॉर्ड स्तर पर उछाल देखा है. डबल इंजन की सरकार में इतने पुल गिरे हैं, जितने एक इंजन की सरकार में नहीं गिरे. यानी एक टांग वाली सरकार ही राज्य में अपने कदम पर चलने में कामयाब रही है.
इस विकासशील सरकार में बिहार सरकार भी अपने राग अलापति है. बिहार के विकास पुरुष सड़क, पुल-पुलिया, ओवरब्रिज, मेट्रो निर्माण, सुरंग निर्माण और न जाने किन क्षेत्रों के निर्माण में हाथ आजमा रहे हैं. सड़कों के निर्माण में शायद बिहार के विकास पुरुष नागरिकों के विकास और सुरक्षा को दरकिनार कर चुके हैं. बिहार में गिरते पुलों का झंडा सीएम कुमार विधानसभा 2025 में गाड़ने जा रहे हैं.
यूपी में हुए रेल दुर्घटना में बाकी रेल दुर्घटनाओं की तरह जांच बिठाई जाने वाली है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वाशन घोषित किया जाने वाला है. योगी सरकार मुआवजे का ऐलान करने वाली है, जो घायलों और मृतकों के परिवार के बीच जल्द ही बांटा जाएगा. लेकिन एक चीज से जो सबसे धीमी इन घटनाओं के बाद चलेगी वह है जांच प्रक्रिया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई.
कुछ दिनों पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने झारखंड में यूपी सरकार की तारीफ की थी. उन्होंने योगी-मोदी की सरकार को सफल बताया था. अनुराग ठाकुर ने बयान दिया था कि डबल इंजन की सरकार हर जगह विकास के झंडे गाड़ रही है. इस डबल इंजन के सरकार में विकास के झंडे लहरा कम रहे हैं और धराशाई ज्यादा हो रहे हैं.
इस सरकार ने हर एक क्षेत्र में गौरवता से लहराते हुए झंडे को नीचे गिराया है. विकास के नाम का यह झंडा रोजगार में गिरा है. विकास का यह झंडा ब्रिज गिरने के साथ गिरा है. विकास का यह झंडा ट्रेन हादसों में टकराया है. विकास का यह झंडा महिलाओं को सुरक्षा देने में फेल हुआ है. विकास का यह झंडा महंगाई को काबू करने में असफल रहा है. विकास का यह झंडा आम नागरिकों को सुरक्षा देने में खुद सूली चढ़ा है. इन सब के बाद विकास का यह झंडा जनता के बीच अब अविश्वास से लहरा रहा है.