भारत के लिए सौ प्रतिशत खरा सोना रेसलर विनेश फोगाट

आज रात 12:30 बजे जहां गोल्ड मेडल के मुकाबले पर भारत की नजरे टिकी थी. वही यह सभी नजरे अब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक ऑर्गेनाइजेशन पर टिक गई है. दरअसल भारतीय महिला रेसलर के वजन‌ को 100 ग्राम ज्यादा बताकर अयोग्य घोषित किया गया.

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खरा सोना रेसलर विनेश फोगाट

खरा सोना रेसलर विनेश फोगाट

महिलाओं का संघर्ष उनकी उत्पत्ति से ही शुरू हो चुका था. महिलाओं के संघर्ष की एक लंबी दास्तां इतिहास में मिलती है. जिसमें अपने लिए आवाज उठाने से लेकर अपनी खुशी के लिए कोई काम करने, यहां तक की खाने-पीने, काम पर जाने और एक पितृसत्तात्मक समाज में अपनी पहचान बनाने को लेकर काफी लंबा संघर्ष चला है. यह संघर्ष आज भी घर से लेकर बाहर तक देखा जाता है. कई बार यह संघर्ष खुले आम देश और दुनिया की नजरों के सामने होता है, मगर इस संघर्ष को दो तराज़ूओं पर तोल दिया जाता है. एक तरफ महिलाओं के संघर्ष को महत्व दी जाती है, तो वहीं दूसरे तराजू पर लोग उसे फेक बताते हैं.

आज महिला संघर्ष का एक और उदाहरण देश में देखने मिला. जहां एक महिला पहलवान को अंतरराष्ट्रीय खेल से डिसक्वालीफाई कर दिया गया. कल रात तक जहां देश में ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए एक महिला रेसलर को शाबाशी दी जा रही थी. वहीं आज सुबह उनके लंबे संघर्ष का पेरिस ओलंपिक में अंत हो गया. भारतीय महिला रेसलर के वजन‌ को 100 ग्राम ज्यादा बताकर अयोग्य घोषित किया गया. आज रात 12:30 बजे जहां गोल्ड मेडल के मुकाबले पर भारत की नजरे टिकी थी. वही यह सभी नजरे अब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक ऑर्गेनाइजेशन पर टिक गई है. आईओए के इस कारनामे को भारत ने सिरे से खारिज किया है. देश की जनता से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इस घटना पर दुखी हैं. पीएम ने रेसलर विनेश फोगाट के अब तक के सफर को सराहनीय बताया और आईओए की भारतीय अध्यक्ष से मामले पर ध्यान देने कहा है.

इधर विनेश फोगाट के ताऊ ने कहा कि विनेश आगे चलकर दूसरे मुकाबले में गोल्ड मेडल हासिल करेंगी. वह विनेश को आगे के मुकाबले के लिए और अच्छे से तैयार करेंगे.

पेरिस ओलंपिक के चयन ट्रायल के दौरान विनेश फोगाट तिकुलीकर खूब हंगामा हुआ था. दरअसल जिस वेट कैटेगरी में रेसलर फोगाट 100 ग्राम ज्यादा पाई गई, वह उस कैटेगरी में खेलती भी नहीं थी. दरअसल विनेश फोगाट 53 किलोग्राम वेट केटेगरी की पहलवान है. मगर ओलंपिक खेलने के लिए उन्होंने अपना वेट घटाया. 53 किलोग्राम में भारत से महिला रेसलर अंतिम पंघाल का चयन हुआ है. यह भी विनेश का एक संघर्ष ही है.

लेकिन विनेश के संघर्ष की दास्तान पिछले साल शुरू होती है, जब उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का मोर्चा खोला था. इस संघर्ष में विनेश को दिल्ली की सड़कों पर सरेआम घसीटा गया था. उसकी तस्वीर आज भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है. देश की गौरव को एक समय खोटा सिक्का भी बताया गया था और वह भी किसी और से नहीं बल्कि कुश्ती संघ के तत्कालीन अध्यक्ष की ओर से सुनने मिला था. 

टोक्यो ओलंपिक 2020 में विनेश फोगाट की हार के बाद बृजभूषण सिंह ने उन्हें खोटा सिक्का और लंगड़ा घोड़ा भी कहा था.

2023 के शुरुआती महीने में 23 खिलाड़ियों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ शारीरिक शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे. 140 दिनों के इस धरने से महिला रेसलर्स की कई दिल पसीजने वाली तस्वीर सामने आई थी. इससे संघर्ष में पहलवानों ने अपने कई मेडल और पुरस्कारों को वापस लेने का अनुरोध किया था. इसमें विनेश फोगाट ने भी अपने मेडल को वापस करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि मेरी जिंदगी में अब इन मेडल का कोई महत्व नहीं है.

जिस दौरान रेसलर्स का यह संघर्ष हो रहा था, उस दौरान देश में उनके खिलाफ कई नेगेटिव खबरें और बातें भी सोशल मीडिया पर चल रही थी. यहां तक की पीटी उषा ने भी रेसलर्स के प्रोटेस्ट पर टिप्पणी की थी. लेकिन जैसे ही विनेश मेडल के करीब पहुंची लोगों ने बृजभूषण के खिलाफ सोशल मीडिया पर मिम्स की झड़ी लगा दी. 

हालांकि इस संघर्ष में एक यह भी पॉइंट है कि जब जंतर मंतर पर धरना चल रहा था तब राजनेताओं से लेकर देशभर में एक चुप्पी का माहौल था. मगर जैसे ही मेडल लाने की सुगबुगाहट शुरू हुई वैसे ही बधा हर तरफ से आना शुरू हुआ.

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