जहानाबाद भगदड़ में प्रशासनिक लापरवाही, SDO और सिविल सर्जन को विधि व्यवस्था के प्रभार से हटाया गया

सिद्धेश्वरनाथ मंदिर भगदड़ की प्रारंभिक जांच में प्रशासनिक चूक की बात सामने आई है. जांच में पाया गया है कि विधि व्यवस्था के संचालन और भीड़ प्रबंधन के कामों में अधिकारी असफल रहे.

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जहानाबाद भगदड़ में प्रशासनिक लापरवाही

जहानाबाद भगदड़ में प्रशासनिक लापरवाही

सावन की चौथी सोमवारी पर जहानाबाद के मंदिर में भीषण भगदड़ मच गई थी. इस घटना में सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. घटना की प्रारंभिक जांच में प्रशासनिक चूक की बात सामने आई है. जांच में पाया गया है कि विधि व्यवस्था के संचालन और भीड़ प्रबंधन के कामों में अधिकारी असफल रहे. नियमों का पालन नहीं करने और सुरक्षा में चूक को देखते हुए मेले के विधि व्यवस्था के प्रभाव से एसडीओ और सिविल सर्जन को हटा दिया गया है. इन दोनों के बाद अब डीडीसी और अपर समाहर्ता को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

इस बारे में आदेश देते हुए बताया गया कि मेले को लेकर कई निर्देशों का अनुपालन अनुमंडल पदाधिकारी जहानाबाद की तरफ से नहीं किया गया था. जांच कमेटी की तरफ से हर बिंदुओं पर जांच की गई और प्रतिवेतन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में भी है. आदेश में कहा गया कि अनुमंडल पदाधिकारी,जहानाबाद के द्वारा विधि व्यवस्था के संचालन और भीड़ प्रबंधन में असफल रही. हालांकि जांच अभी प्रक्रियाधीन है.

श्रावणी मेला 2024 के खत्म होने तक मेला परिसर के विधि व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी उप विकास आयुक्त,जहानाबाद को दी गई है. उन्हें यह सुनिश्चित करने कहा गया है कि कार्यालय के आदेश में अंकित सभी बिंदुओं का अनुपालन और अविलंब किया जाए. ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना ना हो.

जांच में पाया गया कि सिविल सर्जन,जहानाबाद के द्वारा 20 जुलाई में अंकित बिंदुओं का अनुपालन नहीं किया गया. मेले के दौरान मंदिर परिसर और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर मेडिकल टीम की प्रति नियुक्ति, एंबुलेंस, जीवन रक्षक दवाइयां और उपकरणों की भी उपलब्धता नहीं थी. सिविल सर्जन द्वारा भी अपने स्तर से मेडिकल सुविधाओं की समीक्षा नहीं की गई थी.

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