लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद आचार संहिता भी खत्म हो चुकी है. चुनावी मौसम जाने के बाद अब बिहार सरकार एक बार फिर से अपने काम वाले मोड में आ चुकी है. इसके लिए सीएम नीतीश कुमार ने भी कमर कस लिया है. 3 महीने बाद सीएम नीतीश ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है, शुक्रवार को सीएम की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक शाम 4:30 बजे से बुलाई गई है. सीएम नीतीश कुमार(CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगने की संभावना जताई जा रही है.
मुख्य सचिवालय के कैबिनेट हॉल में सीएम सभी प्रस्तावित एजेंडों पर मुहर लगाएंगे, जो चुनाव के कारण रुक गए थे. लोकसभा चुनाव के कारण राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी, इसी दौरान आचार संहिता भी लागू हो गई थी. आचार संहिता लागू होने के पहले 18 मार्च को आखिरी बार कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी. उस बैठक में पहले से चली जा रही योजनाओं और स्कीमों के लिए राशि रिलीज की गई थी, लेकिन किसी भी तरह के नए प्रस्ताव बैठक में नहीं लाए गए थे.
सरकार का ध्यान नौकरियों और रोजगार पर
15 मार्च की बैठक में कुल मिलाकर 108 प्रस्तावों पर मुहर लगी थी.
शुक्रवार की बैठक में कई रिक्त पदों को लेकर सीएम अहम फैसला ले सकते हैं. राज्य में नौकरी और रोजगार पर सरकार फोकस कर रही है. बिहार विधानसभा में भी नौकरी और रोजगार मुद्दा छाया रहेगा. विपक्षी सरकार ने लोकसभा चुनाव में भी इसे मुद्दा बनाया था. राजद ने नीतीश कुमार पर नौकरी नहीं देने का इल्जाम लगाया था. विपक्ष के इन आरोपों से अब राज्य सरकार बचना चाहती है, इसके लिए वह अधिक से अधिक रोजगार राज्य में पैदा करना चाहती है.
आज की बैठक में डीजल अनुदान, बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यक्रमों के लिए राशि जारी करने की संभावना है. इसके अलावा कई विभागों के विकास योजनाओं पर भी कैबिनेट की बैठक में फैसला होगा. बैठक में सीएम नीतीश कुमार के अलावा सभी विभागों के मंत्री और विभागों के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे.