JDU नेता और बिहार विधान परिषद(bihar vidhan parishad) के पूर्व सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. सीतामढ़ी लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद देवेश चंद्र ठाकुर ने विधान परिषद की कुर्सी छोड़ दी थी. 14 जून को उनके इस्तीफे के बाद से यह कुर्सी खाली हो गई थी, जिसे अब भर लिया गया है.
जदयू नेता के कुर्सी छोड़ने के बाद भाजपा एमएलसी को विधान परिषद की कुर्सी पर बिठाया गया है. भाजपा एमएलसी अवधेश नारायण सिंह(MLC Avdhesh Narayan Singh) अब बिहार विधान परिषद के नए कार्यकारी सभापति बनाए गए हैं. उन्हें इस पद के लिए तीसरी बार जिम्मेदारी दी गई है. अवधेश नारायण सिंह का पहला कार्यकाल 8 अगस्त 2012 से 8 मई 2017 तक का था, दूसरा कार्यकाल 16 जून 2020 से शुरू होकर 22 अगस्त 2022 तक रहा.
नए सभापति के चयन को लेकर संसदीय कार्य विभाग की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया है. भाजपा नेता अवधेश नारायण 1993 से लगातार बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. 2008 में इन्हें बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री बनाया गया था.
मालूम हो कि बीते दिन बिहार के तीन विधायकों ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अपने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इनमें सबसे पहले पूर्व सीएम जीतनराम मांझी, दूसरे रामगढ़ विधायक सुधाकर सिंह और तीसरे विधान परिषद के पूर्व सभापति देवेश चंद ठाकुर थे. 25 अगस्त 2022 को बिहार विधानसभा के सभापति के लिए देवेश चंद ठाकुर चुने गए थे.