झारखंड में टेंडर कमीशन घोटाला मामले में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को आरोपी बनाया गया था. कैश कांड और और टेंडर कमीशन घोटाला में आरोपी बनाए जाने के बाद आलमगीर आलम को बिरसा मुंडा जेल में रखा गया है. इसके बाद उन्होंने सोमवार को अपने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दिया है. जेल से पत्र के माध्यम से उन्होंने अपना इस्तीफा सीएम चंपई सोरेन, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को भेजा है.
बीते 15 मई को ही ईडी ने मंत्री आलम को टेंडर कमीशन घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था.
बीते हफ्ते ही झारखंड के सीएम ने मंत्री आलमगीर के सभी विभागों को उनसे छीन लिया था. इसके बाद विभाग के सभी पद खाली हो गए थे. आलमगीर आलम के इस्तीफे के बाद सभी विभागों की जिम्मेदारी अब सीएम के पास से चली गई है. आलमगीर आलम के इस्तीफ़े के बाद अब राज्य में सीएम समेत कुल 10 मंत्री बचे हैं. चर्चा हो रही है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा, जिसमें कांग्रेस कोटे से एक मंत्री को शपथ दिलाई जा सकती है. वहीं दूसरे नाम की चर्चा कल्पना सोरेन की हो रही है.
मालूम हो कि झारखंड में कांग्रेस मंत्री आलम संसदीय कार्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग और पंचायती राज विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. टेंडर कमीशन घोटाला में नाम आने के बाद 14 दिनों की पूछताछ के बाद मंत्री आलम को कोर्ट में पेश किया था. कोर्ट ने सुनवाई के बाद मंत्री आलम को न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा जेल भेज दिया था.
बता दें कि आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के नौकर के आवास से ईडी ने 32 करोड़ रुपए से अधिक के नोटों की बरामदगी की थी. इसके अलावा ईडी के हाथों कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी घोटाले के लगे थे.