बिहार (bihar) की राजधानी पटना (Patna) के ज्ञान भवन (gyan bhavan) में सात दिवसीय बिहार सरस मेला (bihar saras mela) में लोग पहुंच रहे हैं और अपनी मनपसंद चीजों को खरीद रहे हैं.
मेले में आने वाली महिलाओं के लिए पसंदीदा चीज शराब की बोतलों से बनी कांच की चूड़ियां बनी हुई हैं. जबकि, कई आने वाले लोगों का मन हस्तशिल्प की कलाकृतिया भी मोह रही हैं. इस मेले का शुभारंभ बुधवार को किया गया. ग्रामीण शिल्प, उद्यमिता एवं लोक कला को प्रोत्साहन देने के लिए जीविका ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरस मेला का आयोजन करता है. इसका उद्घाटन ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने किया.
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. एन. सरवन कुमार ने कहा कि ग्रामीण शिल्प और उत्पादों को बेचने के लिए सरस मेला एक बड़ा माध्यम है. मेले में बनी शराब की बोतल से बनी चूड़ियां लोगों को खूब पसंद आ रही है. पटना के सबलपुर की रहने वाली सुमन देवी ने शराब की बोतल से चूड़ियां तैयार की हैं. उन्होंने बताया कि इन चूड़ियों को विभिन्न तरह के डिजाइन दिए गए. उनके पास 30 रुपए से लेकर 150 रुपए तक की चूड़ियां हैं.
पटना की कई महिलाएं आज ऐसी चूड़ियां बना रही हैं. इस मेले में बिहार समेत 21 राज्यों की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला शिल्पकारों ने अपने- अपने क्षेत्र की संस्कृति, परंपरा और शिल्प से जुड़े 135 स्टॉल्स लगाए हैं. इनमें बिहार के देशी व्यंजनों के 22 स्टॉल, हस्तशिल्प के 34 स्टॉल, हैंडलुम के 12, हस्तनिर्मित उत्पादों के 4 स्टॉल हैं.
समस्तीपुर की रहने वाली ममता देवी बांस से बने उत्पादों को लेकर मेले में पहुंची हैं तो आंध्र प्रदेश की शंकर अम्मा अपनी चर्म चित्रकारा (चमड़े पर बनी चित्रकारी) को लेकर मेले में पहुंची हैं. इस मेले में एक ही छत के नीचे अररिया के बने जूट के सामान मिल जायेंगे तो अरवल से लकड़ी के उत्पाद भी उपलब्ध हैं. औरंगाबाद से डिजाइनर बैंग्लस, बांका से सिल्क के उत्पाद, गया से लाह के उत्पाद भी इस मेले में आए हैं.