लोजपा(रा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद अरुण कुमार ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. अरुण कुमार लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज थे, जिसकी वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ दी. खबरों के मुताबिक अरुण कुमार नवादा या जहानाबाद सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन नवादा सीट भाजपा के पास और जहानाबाद सीट जदयू के खाते में चली गई.
पार्टी छोड़ने के बाद अरुण कुमार ने चिराग पासवान पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया. अरुण कुमार ने कहा कि चिराग पासवान को यह समझना चाहिए कि हम लोग माला जपने वाले हिमालय के साधु नहीं है. हम जनता के हक की लड़ाई के लिए 40 साल से राजनीति में है.
चिराग पासवान ने किसे दिया धोखा?
अरुण कुमार ने अपनी बातों में आगे कहा कि मैं दो दिनों से पटना में हूं और बहुत जल्द अपने कार्यकर्ताओं से मिलकर ठोस निर्णय लूंगा. उन्होंने कहा कि अब वह लोक जनशक्ति पार्टी के साथ नहीं है. बिहार की जनता को दिख रहा है कि मेरे साथ क्या हुआ है, मैंने किन परिस्थितियों में चिराग पासवान का साथ दिया है. मैंने उनके कहने पर अपने पार्टी को मर्ज करा दिया.
कुमार ने आगे कहा कि मेरे दोस्त और मुझे जानने वाले लगातार यह कहते रहे कि एक न एक दिन चिराग पासवान धोखा देंगे. लेकिन मैंने किसी की बात नहीं मानी. पहले चिराग के चाचा पशुपति पारस ने धोखा दिया था, तब मैं चिराग के साथ खड़ा रहा, लेकिन अंत में चिराग ने भी वही किया.
चिराग पासवान ने मुझे कहा था कि वह मुझे नवादा या जहानाबाद से उम्मीदवार बनाएंगे. इसके पहले भी वह कहते थे कि वह नीतीश कुमार के साथ नहीं जाएंगे. लेकिन आखिर में क्या हुआ, वह अपनी बात से पलट गए. 40 साल के राजनीतिक जीवन में मुझे इससे बड़ा धोखा नहीं मिला, जो चिराग ने मुझे दिया है.
बता दें अरुण कुमार अगड़ी जाति भूमिहार समाज से आते हैं. वह पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक है. चुनाव के पहले अरुण कुमार के पार्टी छोड़ने से चिराग पासवान को बड़ा झटका लग सकता है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के अलावा जहानाबाद सीट से अरुण कुमार दो बार के सांसद भी रह चुके हैं.