बुधवार को बिहार विधान मंडल के मानसून सत्र से एंटी पेपर लीक विधेयक पास हो गया. मानसून सत्र के तीसरे दिन एंटी पेपर लीक विधेयक के साथ-साथ माल और सेवा कर संशोधन विधेयक-2024 और बिहार लिफ्ट एवं एस्केलेटर विधेयक-2024 भी पास हो गया. एंटी पेपर लीक विधेयक पास होने के बाद अब पेपर लीक मामलों में आरोपियों पर गैर जमानती धाराएं लगाई जाएंगी. पेपर लीक में शामिल आरोपियों या संस्थानों पर तीन से 10 साल की सजा का प्रावधान रखा गया है. इसके साथ ही 10 लाख से एक करोड़ रुपए का जुर्माना भी आरोपियों पर लगाया जाएगा. विधेयकों पर राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह कानून के रूप में राज्य में लागू हो जाएगा.
पेपर लीक कानून बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार कर्मचारी चयन आयोग, बिहार तकनीकी सेवा आयोग, बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग, बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग, केंद्रीय सिपाही चयन परिषद बिहार या अन्य कोई प्राधिकरण जो राज्य सरकार की तरफ से अधुसूचित हो उन पर लागू होगा.
आज विधानसभा में जैसे ही तीनों विधेयक पेश किए गए वैसे ही विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. आज विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11:00 से शुरू हुई, जिसमें विरोधी दलों के नेताओं का खूब हंगामा देखने मिला. आरक्षण से लेकर विशेष राज्य के दर्जे तक पर सदन में हंगामा हुआ. इसके अलावा सीएम नीतीश कुमार का गुस्सा भी सदन में देखने मिला. जहां नाराजगी जाहिर करते हुए वह राजद की महिला विधायक पर भड़क गए. इसके अलावा उन्होंने बिहार सरकार की ओर से जातीय जणगणना को 9वीं अनुसूची में शामिल करने का भी आग्रह किया है.
विशेष राज्य के दर्जे पर सीएम ने कहा कि इस मसले पर विपक्षी सदस्यों का प्रदर्शन सियासी लाभ के लिए है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग 2010 से हो रही है. उस समय केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार थी, जिन्होंने इसे नजरअंदाज किया. अब इस पर हंगामा का कोई मतलब नहीं है.