मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा से एंटी रेप बिल पास हो गया. ममता सरकार की ओर से पेश किए गए इस बिल को ऐतिहासिक बताया जा रहा है. दरअसल बिल के अंतर्गत रेप आरोपियों के लिए सजा के कई कड़े प्रावधान जोड़े गए हैं. आज अपराजिता बिल सर्वसम्मति से पास होने के दौरान विधानसभा में हंगामा भी हुआ. दरअसल भाजपा की ओर से इस बिल में संशोधन की जरूरत बताई गई.
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस बिल को जल्द से जल्द से लागू किया जाए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस बिल को ममता सरकार जल्दबाजी में लेकर आई है. हमें मालूम नहीं है कि बिल पेश करने की प्रक्रिया को पूरा किया गया है या नहीं.
अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक(पश्चिम बंगाल अपराधिक कानून एवं संशोधन विधेयक)2024 बिल का उद्देश्य राज्य में बलात्कार और यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों को शामिल करना है. जिससे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा मजबूत हो. इस बिल में रेप के दोषियों की सजा साबित करने पर 10 दिनों के अंदर फांसी का प्रावधान जोड़ा गया है. बलात्कार, सामूहिक बलात्कार के दोषी व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा देने का प्रावधान लाया गया है. बार-बार अपराध करने वालों के लिए सजा आजीवन कारावास होगी. जिला स्तर पर अपराजिता कार्यबल बनाने का सुझाव बिल में लाया गया है.
विधानसभा में सीएम ममता बनर्जी ने बिल पेश करते हुए कहा कि 43 साल पहले इसी दिन 1981 में संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर सम्मेलन की एक समिति बनाई थी. आज मैं नागरिक समाज से लेकर सभी छात्रों का अभिनंदन करती हूं, जो महिला सुरक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं. सीएम ने कहा कि डॉक्टर की मौत 9 अगस्त को हुई थी. मैंने मृतक डॉक्टर के माता-पिता से उसी दिन बात की, जिस दिन यह घटना हुई. उनके घर जाने से पहले सारा ऑडियो, वीडियो, सीसीटीवी फुटेज सब कुछ दिया ताकि उन्हें सब कुछ पता रहे. मैंने मृतक के परिजनों से रविवार तक का समय माँगा और यह भी कहा कि अगर आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो मैं खुद सोमवार को सीबीआई चली जाऊंगी.