लोकसभा चुनाव के पहले राजद को बड़ा झटका लगा है. राजनीतिक उठा-पटक में राजद के नेता ने पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए है. राजद के पूर्व राज्यसभा सांसद डॉक्टर अहमद अशफाक करीम ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
अहमद अशफाक करीम ने अपने इस्तीफा पत्र में राजद पर मुस्लिमों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. लालू यादव को भेजे गए पत्र में जातीय जनगणना, मुसलमानों की हकमारी करने का हावाला देते हुए इस्तीफा देने की बात कही है.
इस्तीफा पत्र में पूर्व राज्यसभा सांसद ने लिखा है कि राजद पार्टी जातीय जनगणना कराने का दावा करती है. जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा देती है. लेकिन राजद ने मुसलमानों की हाकमरी की है. मुसलमानों की आबादी के अनुरूप तो दूर सम्मानजनक हिस्सेदारी भी पार्टी में नहीं थी. इसलिए इस परिस्थिति में पार्टी के साथ राजनीति करना मेरे लिए असंभव है.
पत्र में करीम ने लिखा कि मैं आपकी पार्टी से सामाजिक न्याय को ताकत देने के लिए जुड़ा था. लालू यादव के अच्छे स्वास्थ की कामना करते हुए करीम ने आखिर में लिखा- मैं आपकी अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं. मेरा त्यागपत्र स्वीकार करें.
खबरों की माने तो अशफाक करीम राजद से टिकट नहीं मिलने पर नाराज हो गए थे. इस बार उन्हें राज्यसभा भी नहीं भेजा गया, जिसकी वजह से वह और नाराज हो गए. कहा जा रहा है कि अशफाक कटिहार क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन राजद ने उन्हें कैंडिडेट नहीं बनाया और I.N.D.I.A गठबंधन को कटिहार सीट दे दी. कटिहार से कांग्रेस उम्मीदवार तारीक अनवर को मैदान में उतारा गया है.
बता दें कि अशफाक करीम पूर्व राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. वह बिहार के कटिहार जिले से आते हैं. राजद के अलावा वह लोक जनशक्ति पार्टी से भी वह जुड़े थे, लोक जनशक्ति पार्टी के उपाध्यक्ष के तौर पर भी उन्होंने काम किया है.