लोकसभा चुनाव में कितनी ही पार्टियों के नेताओं को टिकट नहीं मिला, जिसकी वजह से पार्टी के कई नेता उदास हो गए हैं. नेताओं की उदासी सरेआम आंसूओं से जग जाहिर हो रही है. बिहार में भी लोकसभा चुनाव के पहले कई पार्टियों के नेताओं को इस बार टिकट नहीं मिला, जिसकी वजह से पार्टी के अंदर ही नाराजगी चल रही है. राजद से टिकट कटने पर पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम ने शुक्रवार को सरेआम अपना दुख जाहिर किया.
शुक्रवार को कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करते हुए सरफराज आलम सबके सामने रोने लगे. अररिया लोकसभा सीट से राजद नेता सरफराज आलम के बदले उनके छोटे भाई शाहनवाज आलम को टिकट दिया गया है, जिससे सरफराज ने पार्टी सुप्रीमो सहित राजद के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली.
सरफराज आलम ने खुद को तस्लीमुद्दीन का उत्तराधिकारी बताते हुए राजद से दरकिनार किए जाने की बात कही और रोने लगे. अपने नेता को रोते देख समर्थकों ने उन्हें चुप कराया और हिम्मत दी.
सरफराज आलम ने रोते हुए कहा कि बिहार के सीमांचल का मुसलमान राजद का बंधुआ मजदूर नहीं है. राजद हमेशा ही मुसलमानों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करती है. वर्तमान में राजद उम्मीदवार अनुकंपा वाले नेता है.
पूर्व सांसद सरफराज में आगे कहा कि सीमांचल गांधी तस्लीमुद्दीन का बेटा हूं, जिसके डीएनए में चापलूसी और जी हजूरी नहीं है. राजद ने मेरे साथ सिर्फ धोखा ही नहीं किया बल्कि पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है.
मालूम हो कि इंडिया गठबंधन ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन के सबसे छोटे बेटे शाहनवाज आलम को उम्मीदवार बनाया है. जिसकी वजह से छोटे भाई से बड़े भाई नाराज हो गए हैं. सरफराज आलम 2020 के विधानसभा चुनाव में अपने छोटे भाई से चुनाव हार गए थे और अब टिकट मिलने में भी वह पीछे रह गए हैं.