पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर एक बार फिर से हिंसा शुरू हो गई है. रविवार को बांग्लादेश में हिंसा के कारण 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई. यह आंकड़ा सोमवार को बढ़ाकर 100 के करीब पहुंच गया है. बांग्लादेश में भड़की हिंसा में अब तक सैकड़ो लोग घायल बताई जा रहे हैं. यहां प्रदर्शनकारियों पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच भी भिड़ंत हुई है.
रविवार को हुए प्रदर्शन में छात्र प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा की मांग की. सड़कों पर उतरकर यह प्रदर्शनकारी जगह-जगह पर हिंसक होने लगे. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच में कई जगह झड़प हुई. बांग्लादेश सरकार ने हिंसा को देखते हुए देशभर में कर्फ्यू लागू किया है. अगले तीन दिनों तक देश में छुट्टी घोषित की गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक आंदोलनकारियों ने नरसिंगडी में पीएम हसीना की पार्टी के 6 कार्यकर्ताओं को मोब लिंचिंग कर मार डाला. दरअसल पीएम हसीना के खिलाफ प्रदर्शन जुलूस निकाला गया था, जिससे अवामी लीग के कार्यकर्ता नाराज थे. कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें चार लोग घायल हो गए. इसके बाद पलटवार करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कार्यकर्ताओं की पिटाई कर दी, जिसमें 6 कार्यकर्ताओं की जान चली गई.
प्रदर्शनकारियों को तीतर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और स्टोन ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया.
बता दें कि पड़ोसी देश में छात्र सरकारी नौकरियों में आरक्षण को खत्म करने की मांग पर एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके लिए देश के अलग-अलग इलाके में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. अब तक इन प्रदर्शनों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इनके अलावा 13 पुलिसकर्मी भी इन प्रदर्शन में अपनी जान गवा चुके हैं. सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन राजधानी ढाका में हो रहे हैं, यहां हालात बद से बत्तर होते जा रहे हैं. इन प्रदर्शनों में कई भारतीय और स्टूडेंट भी बांग्लादेश में फंस गए हैं. जिनके लिए भारत ने एडवाइजरी जारी कर दूतावासों के संपर्क में रहने कहा है.