लोकसभा चुनाव 2024 के बीच बिहार सीएम नीतीश कुमार को आज एक फिर बड़ा झटका लगा है. नीतीश कुमार की पार्टी पर आरोप लगाते हुए एक नेता ने आज पार्टी से रिश्ता तोड़ दिया है. जदयू के महासचिव अजीत कुमार ने बुधवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. अजीत कुमार राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह के बेटे हैं.
बिहार जदयू से इस्तीफा देते हुए उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को मंगलवार को पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने पार्टी के कामकाज के तरीकों और हाल फिलहाल में पार्टी के लिए गए निर्णयों पर सवाल खड़ा किया. प्रदेश अध्यक्ष को लिखे गए पत्र में अजीत कुमार ने कहा कि हाल के राजनीतिक घटनाक्रम में पार्टी की ओर से गठबंधन को लेकर दो बड़े फैसले पार्टी की सबसे निचली और मजबूत इकाई को विश्वास में लिए बगैर बहुत कम समय के अंतराल में लिए गए. इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में धरातल पर असमंजस की स्थिति लगातार बनी रहती है.
शीर्ष नेतृत्व फ़ैसले नहीं लेने देता
पत्र में उन्होंने आगे लिखा कि जैसे ही कार्यकर्ता पार्टी की तरफ से कोई भी स्टैंड लेना शुरू करते हैं तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से ठीक उल्टा निर्णय लिया जाता है. हमें लगता है कि माननीय मुख्यमंत्री जी पार्टी और राज्यहित के लिए कुछ उचित फैसला लेंगे, लेकिन चुनाव के दो चरणों के हो जाने के बावजूद भी एनडीए गठबंधन की तरफ से बिहार हित में कोई भी बड़ी घोषणा नहीं की गई है. पिछले चुनाव में बिहार के हित को लेकर प्रधानमंत्री जी स्वयं ही कोई ना कोई बड़ी घोषणा करते थे. लेकिन इस बार बिहार के बारे में उनकी तरफ से विशेष राज्य का दर्जा सहित दर्जनों बड़े विषयों पर अभी तक कोई वादा या चर्चा तक भी नहीं हुई है.
नागरिक समाज की चिंता
भाजपा के नेता संविधान बदलने की बात सार्वजनिक मंच से लगातार कर रहे हैं. जिस पर रोक लगाने की वजह से भाजपा का एजेंडा देश के लोकतंत्र के लिए खतरनाक बन चुका है. नागरिक समाज में इस विषय को लेकर गहरी चिंता है. ऐसे में संगठन के पद धारक के तौर पर नैतिक रूप से लोगों के बीच में जाकर एनडीए के लिए वोट मांगना ठीक नहीं लगता है. इसलिए जनता दल के पद सांगठनिक प्रभार सहित प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं.
मालूम हो कि बिहार में तीसरे चरण के चुनाव की तैयारी चल रही है, ऐसे में जदयू के पूर्व नेता का सवाल उठाना पार्टी के लिए वोट बैंक को कम कर सकता है. इन सवालों से नीतीश कुमार का विशेष राज्य का दर्जा मांग भी घेरे में आ चुका है. इधर अजीत कुमार के इस्तीफा देने के बाद अब कहा जा रहा है कि वह अपने पिता की तरह ही राजद का दामन थाम सकते हैं.