Bihar News: आखिर चुनाव हारने के बाद भी सांसद कैसे बने उपेन्द्र कुशवाहा?

Bihar News: एनडीए की ओर से उपेंद्र कुशवाहा को इस बार चुनाव में काराकाट सीट पर उम्मीदवार बनाया था, जहां उनकी हार हो गई थी. इस सीट से हारने के बाद अब उन्हें एनडीए ने राज्यसभा भेजने की घोषणा की है.

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सांसद बने उपेन्द्र कुशवाहा

सांसद बने उपेन्द्र कुशवाहा

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को जनता दल यूनाइटेड(जदयू) ने लोकसभा चुनाव के बाद सेट कर दिया है. एनडीए की ओर से उपेंद्र कुशवाहा को इस बार चुनाव में काराकाट सीट पर उम्मीदवार बनाया था, जहां उनकी लड़ाई सीपीआई और निर्दलीय उम्मीदवार पवन सिंह से हुई. इस लड़ाई में उपेंद्र कुशवाहा और पवन सिंह को हार का सामना करना पड़ा. इस सीट से हार जाने के बाद उपेंद्र कुशवाहा का राजनीतिक कैरियर नजर नहीं आ रहा था, तब तक एनडीए ने उन्हें राज्यसभा भेजने का ऐलान कर दिया. 

मंगलवार को सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट कर उपेन्द्र कुशवाहा ने राज्यसभा के सदस्यता के लिए एनडीए और और बिहार की जनता को धन्यवाद दिया है. उपेंद्र कुशवाहा ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा- राज्यसभा की सदस्यता के लिए एनडीए की ओर से मेरी उम्मीदवारी की घोषणा के लिए बिहार की आम जनता एवं राष्ट्रीय लोक मोर्चा सहित एनडीए के सभी घटक दलों के कर्मठ कार्यकर्ताओं, जिन्होंने विपरित परिस्थिति में भी मेरे प्रति अपना स्नेह बनाए रखा, भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी, बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी, श्री अमित शाह जी, श्री जे पी नड्डा साहब, श्री चिराग पासवान जी, श्री जीतन राम मांझी जी, श्री सम्राट चौधरी जी सहित एनडीए के अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं का ह्रदय से आभार.

एनडीए ने बैठक कर भाजपा के सांसद विवेक ठाकुर के लोकसभा सदस्य बन जाने के बाद खाली हुई नवादा सीट को उपेंद्र कुशवाहा की झोली में डाल दिया है. नवादा के अलावा पाटलिपुत्र सीट भी फिलहाल खाली है. इस सीट पर राजद सांसद मीसा भारती पाटलिपुत्र से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंची है.

इधर लोकसभा चुनाव में सीपीआई उम्मीदवार राजा राम सिंह से हार जाने के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा था कि वह चुनाव हारे है, या हरवाए गए हैं, यह सभी को पता है.

मालूम हो कि पहले उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार के बेहद गरीबी माने जाते थे, लेकिन धीरे-धीरे दोनों के रिश्ते में खटास आई और उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार का साथ छोड़ दिया. इसके बाद उन्होंने अपनी अलग राष्ट्रीय समता पार्टी बनाई, 2009 में इस पार्टी का जदयू में विलय हो गया. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी बनाई, जिसका 2021 में जदयू में विलय हुआ. इसके बाद एक बार फिर से उन्होंने 2023 में राष्ट्रीय लोक मोर्चा नाम से अपने पार्टी बनाई, जिससे 2024 के चुनाव में वह एनडीए से उम्मीदवार बने और काराकाट सीट से हार गए.

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