बिहार में पुल गिरने की घटनाओं से लग रहा है कि आने वाले दिनों में राज्य में एक भी पुल नहीं बचेगा. बीते दो हफ्तों के अंदर ही राज्य में 6 पुलों के गिरने की घटना हो चुकी थी, तब तक राज्य में आज एक और पुल नदी के अंदर समा गया. बुधवार को सिवान जिले में भारी बारिश के कारण 35 साल पुराना दो पुल ध्वस्त हो गया. इनमें से एक पुल महाराजगंज के देवरिया पंचायत में ध्वस्त हुआ, जो धमही नदी पर बना था. तो वहीं दूसरा पुल महाराजगंज प्रखंड के ही नौतन सिकंदरपुर गांव के पास ध्वस्त हुआ, जो गंडक नदी पर बना था.
सिवान में 10 दिन पहले भी एक पुल नदी में बह गया था, इसके बाद आज दो पुल ध्वस्त हुए है. आज ध्वस्त हुए पुलों में से एक पुल 1998 में बनाया गया था, वहीं दूसरा साल 2004 में बना था. गंडक नदी पर बना पुल 1998 में तत्कालीन सांसद रघुनाथ सिंह ने 6 लाख रुपए की लागत से बनवाया था. वही दूसरा धमही नदी पर बना पुल साल 2004 में 10 लाख रुपए की लागत से बनाया गया था. इन दोनों के बनने के बाद इनकी एक बार भी मरम्मत नहीं हुई थी.
स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल पर बनने के बाद से इसे लगातार इस्तेमाल में लाया जा रहा था, लेकिन सरकार की तरफ से कभी इसकी मर्मती नहीं कराई गई. जिसके कारण पुल ध्वस्त गया. दो पुलों के गिरने से कई गांव का संपर्क टूट गया है, जिसके कारण आवगमन पूरी तरह से बंद हो गया है.
लोगों ने बताया कि पहले भी जो पुल गिरा था वह मिट्टी की कटाई के कारण गिरा था. अभी दूसरा पुल भी मिट्टी के कटने से गिर गया है. लोगों ने इसकी शिकायत स्थानीय पदाधिकारी से भी की थी, लेकिन मामले पर संज्ञान नहीं लिया गया.
मालूम हो कि इसके पहले भी 22 जून को सिवान में गंडक नदी पर बना एक पुल अचानक व्यस्त हो गया था. पहले पुल का एक पिलर गिरा और धीरे-धीरे करके कुछ ही मिनट में पूरा पुल पानी में समा गया. 30 फीट वह पुल महाराजगंज अनुमंडल के अंतर्गत था.