मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में एनडीए के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं. 5 दिन पुरानी सरकार के साथ काम करते हुए नीतीश कुमार अब एक्शन मोड में आ चुके हैं. सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पुराने सभी समितियों को भंग कर दिया है.
जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष से लेकर जिलों के प्रभारी मंत्री के मनोनय से संबंधित मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से अधिसूचना के बाद तत्काल प्रभाव से रद्द किया गया है. साथ ही महागठबंधन सरकार में गठित सभी 38 जिलों की 20 सूत्री समितियां को भी भंग किया गया था. शुक्रवार को मंत्रिमंडल सचिवालय की तरफ से दोनों के लिए अलग-अलग आदेश जारी किए थे. जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति को 20 सूत्रीय समिति भी कहा जाता है. अब सभी जिलों में नए सिरे से प्रभारी मंत्री बनाए जाएंगे.
इस अधिसूचना के जारी होने के बाद अभी किसी भी जिले में कोई प्रभारी मंत्री नहीं है. नए सिरे से जो कमेटी बनाई जाएगी उसमें भाजपा नेताओं को जगा दी जाएगी.
बीते साल 19 अक्टूबर 2023 को राजद के साथ मिलकर 20 सूत्रीय समिति का गठन किया गया था. इसमें जिला प्रभारी मंत्री को अध्यक्ष बनाया गया था. सिर्फ मुंगेर जिले को छोड़कर बाकी सभी 37 जिलों में इस कमेटी का गठन किया गया था. पटना जिले में तेजस्वी यादव को अध्यक्ष बनाया गया था और उपाध्यक्ष के तौर पर अशोक चौधरी को नियुक्त किया गया था. वित्त मंत्री विजय चौधरी को नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा की कमांड दी गई थी. इस कमेटी में जेडीयू, राजद और कांग्रेस के साथ-साथ वाम दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य के रूप में मौका दिया गया था.
28 जनवरी को ही बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ, जिसमें रिकॉर्ड नौवीं बार नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ ली थी. नीतीश कुमार के साथ 8 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली थी. हालांकि अभी तक राज्य में मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है.