झारखंड में सरकार के विरोध में सरकारी नौकरी के अभ्यर्थी सड़कों पर आ गए हैं. अभ्यर्थियों ने इस बार सरकार के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोलने की तैयारी की है. शुक्रवार को राज्य के सभी जिलों में छात्र संगठनों के द्वारा मुख्यमंत्री का विरोध करते हुए उनका पुतला दहन करने की घोषणा की है. इसके अलावा शनिवार को भी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन मुख्यमंत्री आवास के बाहर नजर आने वाला है. शनिवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए छात्र संगठनों ने ऐलान किया है.
दरअसल यह अभ्यर्थी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के सीजीएल परीक्षा की नई तिथि के विरोध में अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा की नई तारीख 21 और 22 दिसंबर निर्धारित की है. छात्रों की मांग है कि उस तारीख से पहले ही उत्पाद सिपाही, झारखंड फॉरेस्ट रेंज ऑफीसर समेत कई परीक्षाओं की तिथि निर्धारित है. ऐसे में आयोग उस परीक्षा को कैसे आयोजित कराएगा. छात्रों ने कहा कि सरकारी नौकरियों की तैयारी करने वाले कई अभ्यर्थी उत्पाद सिपाही, जेपीएससी समेत कई परीक्षाओं के लिए आवेदन कर चुके हैं. ऐसे में वह कैसे परीक्षा में बैठ पाएंगे.
मालूम हो कि जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा अब तक पांच बार राज्य में घोषित हो चुकी है. 2015 से इसकी भर्ती की घोषणा हो रही है, लेकिन इन 9 सालों में अब तक एक बार भी परीक्षा सफल नहीं हुई है. पांच बार के विज्ञापनों को हर बार किसी न किसी कारण से रद्द किया जाता है. 2015 में विज्ञापन में कई तरह की त्रुटि होने के कारण झारखंड हाईकोर्ट ने परीक्षा को रद्द कर दिया था. 2019 में फिर नए सिरे से विज्ञापन जारी हुआ, मगर मैट्रिक इंटर पास अनिवार्य किए जाने की वजह से इसे रोक दिया गया. 2021 में फिर से विज्ञापन निकला और इस बार हाईकोर्ट से नियोजित नीति रद्द होने के कारण इसे टालना पड़ा. 2023 में भी विज्ञापन निकला जिसकी परीक्षा पहले 15 और 16 अक्टूबर को निर्धारित थी. मगर इसे स्थगित कर 16 और 17 दिसंबर को आयोजित करने की घोषणा हुई. परीक्षा के समय एजेंसी ने आयोजन से हाथ पीछे कर लिया, जिस कारण परीक्षा फिर से टल गई. बाद में 28 जनवरी और 4 फरवरी 2024 को परीक्षा लेने की घोषणा हुई. मगर पेपर लीक के कारण इसे भी रद्द करना पड़ा.