गया में पीके के सामने सभा में चलीं कुर्सियां, प्रत्याशी चयन को लेकर हंगामा

शुक्रवार को प्रशांत किशोर गया में कार्यकर्ताओं के साथ सभा कर रहे थे, उनकी यह सभा देखते ही देखते बावल में तब्दील हो गई. सभा के दौरान प्रत्याशियों के नाम के चयन के बीच जमकर कुर्सियां चलने लगी.

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पीके की सभा में चली कुर्सियां

पीके की सभा में चली कुर्सियां

बिहार के गया में शुक्रवार को प्रशांत किशोर कार्यकर्ताओं के साथ सभा कर रहे थे, उनकी यह सभा देखते ही देखते बावल में तब्दील हो गई. दरअसल सभा के दौरान प्रत्याशियों के नाम के चयन की चर्चा हो रही थी जिसमें जमकर कुर्सियां चलनी शुरू हो गई.

गया में विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर जन सुराज की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन इसमें पार्टी कार्यकर्ता बेकाबू होकर आपस में भिड़ गए. जिसके हाथ जो लगा वह हवा में उछालने लगा. पीके के सामने ही कार्यकर्ता आपस में भीड़ गए. इस दौरान पीके माइक से कार्यकर्ताओं को समझाते रहे मगर कोई असर नहीं हुआ. पीके ने कहा कि दबाव न बनाएं.

दरअसल बिहार के चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. 13 नवंबर को इन सीटों के लिए वोटिंग होगी, इसके लिए पीके प्रत्याशियों की घोषणा करने में सबसे आगे हैं. भोजपुर के तरारी सीट से उन्होंने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. इसके बाद गया की बेलागंज सीट पर प्रत्याशियों के प्रचार-प्रसार और उम्मीदवारी को लेकर बात चल रही थी. इसी दौरान हंगामा हो गया. जन सुराज ने बेलागंज से मुस्लिम प्रत्याशी को उपचुनाव में टिकट देने का ऐलान किया था. इसी सिलसिले में शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रत्याशी के नाम की घोषणा होनी थी.

मिली जानकारी के मुताबिक इस सीट से मोहम्मद अमजद, हसन खिलाफत, हुसैन मोहम्मद दानिश मुखिया और प्रोफेसर सरफराज खान के नाम पर चर्चा थी. मगर मंच से दानिश मुखिया ने अमजद हसन के सपोर्ट में उम्मीदवारी के लिए अपना नाम वापस ले लिया. सरफराज खान भी पीछे हट गए. बचे अमजद हसन और खिलाफत हुसैन इन दोनों ही प्रत्याशियों में से किसी एक के नाम पर मुहर लगने थी. पीके खिलाफत हुसैन के नाम पर मुहर लगा रहे थे, जिस पर अमजद हसन के समर्थकों ने नारा लगाना और हंगामा करना शुरु कर दिया. हंगामे के बीच आखिरकार पीके ने नाम की घोषणा नहीं की और वह कार्यक्रम से उठकर चले गए.

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