बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस को शुक्रवार की देर शाम जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया है. आय से अधिक संपत्ति मामले में बिहार कैडर में किसी आईएएस अधिकारी की यह पहली गिरफ़्तारी है. संजीव हंस के साथ पूर्व विधायक गुलाब यादव को भी गिरफ्तार किया गया है.
इन दोनों की गिरफ्तारी आय से अधिक संपत्ति और पद के दुरुपयोग मामले में हुई है.
संजीव हंस को पटना में उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया गया, जबकि दिल्ली के एक रिसॉर्ट से पूर्व विधायक गुलाब यादव को गिरफ्तार किया गया.
ईडी ने बीते दिन ही आईएएस संजीव हंस के पटना और दिल्ली स्थित आवास में ताबड़तोड़ छापेमारी की थी, जिसके बाद से ही उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई थी. बिहार में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव पद पर तैनात संजीव हंस के खिलाफ ईडी की कार्रवाई तब शुरू हुई जब राज्य सरकार ने उन्हें इस पद से हटाकर सामान्य प्रशासन विभाग से अटैच किया.
इसी साल जुलाई में उनके और गुलाब यादव के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी, इसमें इन दोनों के खिलाफ करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति के सबूत ईडी के हाथ लगे थे. बेनामी संपत्ति और हवाला के जरिए लेनदेन के भी सबूत मिले थे. जांच एजेंसी को कई संपत्तियों में निवेश के दस्तावेज, बैंक में नगदी जमा करने की जानकारी भी मिली थी. दोनों के पास अकूत संपत्ति, करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति के साथ-साथ संपत्तियों में निवेश के भी सबूत ईडी के हाथ लगे थे. आईएएस संजीव हंस पर हवाला के जरिए एक महिला वकील को 2.44 करोड़ रुपए देने का आरोप है. इस राशि को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी से जुड़े एक नेता सुशील कुमार सिंह को देने का मामला सामने आया है. इसके साथ ही महिला वकील को लखनऊ में 90 लाख रुपए का फ्लैट दिलवाने का भी मामला इसमें जुड़ा है. इसी महिला वकील ने संजीव हंस के ऊपर यौन उत्पीड़न का भी आरोप दर्ज कराया था.
राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव संजीव हंस के करीबी और बिजनेस पार्टनर रहे हैं. इन दोनों की पत्नियों के नाम पुणे में सीएनजी पंप भी है. मामले में गुलाब यादव, संजीव हंस की पत्नी समेत अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
गिरफ्तारी के बाद एजेंसी ने संजीव हंस को विशेष कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 29 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा दिया. फिलहाल वह बेउर जेल में बंद हैं.