लोजपा रामविलास के राष्ट्रिय अध्यक्ष और एनडीए प्रत्याशी चिराग पासवान ने आज हाजीपुर लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल कर दिया. सुबह से ही चिराग पासवान के नामांकन दाखिले को लेकर चहल-पहल बनी हुई थी. गुरुवार की सुबह से ही चिराग पासवान के पूजा करने की तस्वीरें, पिता को लेकर भावुक पोस्ट और माता से भी आशीर्वाद देने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी. इन सबके बाद दोपहर में उन्होंने अपना नामांकन दाखिल कर लिया. नामांकन दाखिले से पहले चिराग पासवान ने अपने आवास पर गणेश पूजा भी की. चिराग पासवान के नामांकन दाखिले के समय बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे.
पापा मुझे हिम्मत दे रहे हैं
नामांकन दाखिल करने के बाद फिर चिराग पासवान ने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि जिस तरह से हाजीपुर के लोगों ने मेरे पिता को प्यार दिया, उसी तरीके से मुझे भी हाजीपुर की जनता प्यार देगी. उन्होंने यह भी कहा कि आज मैं पहली बार जीवन में बिना अपने पिता के नामांकन दाखिल करने जा रहा हूं, लेकिन वह मुझे इस लड़ाई में हिम्मत दे रहे हैं. यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि आज मैं अपने पिता की कर्म भूमि हाजीपुर से नामांकन कर रहा हूं.
चिराग के मुंह में सोने का चम्मच
चिराग पासवान ने आज राजद नेता तेजस्वी यादव पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि मैं तेजस्वी यादव को बताना चाहता हूं कि वह मेरे बारे में झूठ बोल रहे हैं और यह गलत है. उन्हें आरक्षण के बारे में गलत बयान बाजी करनी बंद कर देनी चाहिए, नहीं तो मुझे उन पर कानूनी कार्रवाई करनी पड़ेगी. चिराग पासवान पर मुकेश सहनी ने भी निशाना साधा था. मुकेश सहनी ने कहा था कि चिराग मुंह में सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं. मुंबई गए थे हीरो बनने के लिए, लेकिन फ्लॉप हो गए. वह सिर्फ अपने आप को हनुमान कहते हैं और शेर का बच्चा कहते हैं. मैं उनको शेर का बच्चा नहीं मानता. मैं सिर्फ स्वर्गीय रामविलास पासवान को शेर का बच्चा मानता हूं. मैं उनकी इज्जत करता हूं. आज भी हमारे ऑफिस में उनकी तस्वीर लगी हुई है.
हाजीपुर लोकसभा सीट से रामविलास पासवान कई बार चुनाव जीत चुके हैं. हाजीपुर से नौ बार रामविलास पासवान सांसद रह चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने यहां जीत हासिल की थी. वहीं चिराग पासवान दो बार से जमुई सीट से सांसद रह चुके हैं, हालांकि इस चुनाव में चिराग पासवान ने अपनी जमुई सीट अपने बहनोई को दे दी और खुद चाचा की सीट हाजीपुर से चुनाव लड़ने की ठानी है.