लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार को साधने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी तीन दिनों में दूसरी बार बिहार दौरे पर पहुंचे. बिहार के नवादा जिले में 10 सालों के बाद पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित किया और अपने उम्मीदवार के लिए वोट मांगे. इस बार 400 पर का नारा लगाते हुए पीएम मोदी ने नवादा से विपक्षी दलों के खिलाफ हुंकार भी भरी. नवादा में पीएम मोदी की रैली भाषण तो सुर्खियां बटोर ही रहा हैं, इसके अलावा सीएम नीतीश कुमार भी नवादा जनसभा से सुर्खियों में आ गए हैं. चुनावी सभा के दौरान सीएम नीतीश कुमार पीएम मोदी के पैर छूते हुए नजर आ रहे हैं.
पैर छूने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद से सीएम नीतीश को लेकर चारों तरफ से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है.
पीएम के पैर छूते दिखे सीएम
रविवार को पीएम मोदी ने एनडीए गठबंधन के लिए नवादा की जनता से वोट मांगा और राजद, कांग्रेस के खिलाफ जमकर हमला बोला. इस दौरान मंच पर उनके साथ बिहार सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, चिराग पासवान समेत कई नेता मौजूद रहे. नवादा की रैली में भी सीएम नीतीश ने जमकर पीएम की तारीफ की और उनका बिहार में स्वागत किया. भाषण खत्म करने के बाद सीएम नीतीश जाकर पीएम मोदी के नजदीक बैठ गए, जहां पीएम ने उनके भाषण की तारीफ की.
पीएम ने तारीफ करते हुए सीएम नीतीश को कहा कि आपने काफी अच्छा भाषण दिया. आपके भाषण के बाद मेरे पास कुछ भी कहने के लिए नहीं बचा. इस पर सीएम नीतीश ने मुस्कुराते हुए पीएम के पैर छुए, जिसका वीडियो वायरल हो गया है.
सीएम हमारे अभिभावक
बिहार में सबसे लंबे समय तक सीएम का पद संभालने वाले नीतीश कुमार का वीडियो पूर्व डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तक भी पहुंचा. राजद नेता तेजस्वी यादव ने सीएम के इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा आज मैंने नीतीश कुमार की तस्वीर देखी जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री के पैर छुए .हमें बहुत बुरा लगा. यह क्या हो गया ? नीतीश कुमार हमारे अभिभावक है, उनके जितना अनुभवी दूसरा कोई मुख्यमंत्री नहीं है और वह प्रधानमंत्री के पैर छू रहे हैं.
जदयू- सम्मानित होने का अनुभव नहीं
तेजस्वी यादव के इस प्रतिक्रिया के बाद जदयू ने भी तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि तेजस्वी जंगल राज की पार्टी है, जो अराजकतावादियों से भरी हुई है. जदयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने कहा कि व्यावहारिक रूप से सम्मानित होने का अनुभव तेजस्वी यादव को नहीं है, इसलिए सम्मान देने में वह कम कुशल है.