लोकसभा चुनाव (Loksabha Chunav) से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले गौरव वल्लभ ने एकबार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा है. इसबार गौरव (Gaurav Vallabh) ने कांग्रेस के महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश पर निशाना साधा है. गौरव ने रविवार (7 अप्रैल) को कहा जब मैं कॉलेज में था तब वे (जयराम रमेश) प्रवक्ता के तौर पर टीवी पर कांग्रेस को डिफेंड करते थे. आज वे कम्युनिकेशन इंचार्ज है.अगर उनके बनाए मेनिफेस्टों में कुछ अच्छा होता तो कांग्रेस महज 52 सीटों पर नहीं सिमटती.
भाजपा नेता (BJP) गौरव ने बिना जयराम रमेश का नाम लिए कहा उन्हें केवल अपने राज्यसभा सीट की चिंता है. जिसने आज तक क्लास मॉनिटर का चुनाव नहीं लड़ा, वह 30 साल से कांग्रेस का घोषणा पत्र (Congress Manifesto) बना रहा है. गौरव ने कांग्रेस के प्रत्याशियों पर भी सवाल उठाया और कहा- कांग्रेस ने ऐसे लोगों को टिकट दिया हैं जिनसे अगर यह पूछा जाये कि क्या यूपी-बिहार अलग अलग राज्य हैं तो वे कंफ्यूज हो जाते हैं. अगर उनसे पूछा जाए कि जालोर-सिरोही कहां है तो वे बोलेंगे कि मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में होगा. ऐसे लोग इस समय कांग्रेस पार्टी चला रहे हैं.
नए भारत, के सपने से कांग्रेस कोसों दूर
गौरव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कांग्रेस 'नए भारत' की आकांक्षाओं और दिशाओं को नहीं पहचान पा रही है. गौरव ने कांग्रेस पर सनातन विरोधी होने का भी आरोप लगाया है. गौरव ने कहा कि मैं ऐसी पार्टी में नहीं रह सकता जहां सुबह-शाम सनातन विरोधी नारे लगाने होते हैं. गौरव ने अपने इस्तीफे के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भावुक चिट्ठी भी लिखी है. जिसमें उन्होंने पार्टी में आये बदलावों का जिक्र किया था.
साथ ही पार्टी में असहज महसूस करने की बात कहकर 4 अप्रैल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था.
गौरव वल्लभ गौरव वल्लभ (Gourav Vallabh) ने सोशल मीडिया एक्स पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्ल्किार्जुन खड़गे को भेजे इस्तीफे की फोटो शेयर कर लिखा, "कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा. मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता. इस कारण मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहा हूं."
गौरव वल्लभ ने कहा कि जब मैंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी, तब मेरा मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है. यहां पर युवा और बौद्धिक लोगों के आइडिया की कद्र होती है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मुझे यह महसूस हुआ कि पार्टी का मौजूदा स्वरूप नए आइडिया वाले युवाओं के साथ खुद को एडजस्ट नहीं कर पाती.
राम मंदिर पर कांग्रेस के स्टैंड से थे, क्षुब्ध
राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस का शामिल नहीं होना भी गौरव वल्लभ के पार्टी छोड़ने के कारणों में शामिल रहा. गौरव वल्लभ ने कहा अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कांग्रेस के रुख से मैं क्षुब्ध हूं. मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं, पार्टी के इस स्टैंड ने मुझे हमेशा असहज किया. पार्टी और गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के विरोध में बोलते हैं.
गौरव इससे पहले दो बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव में खड़े हो चुके हैं. हालाँकि उन्हें दोनों बार हार का सामना करना पड़ा है. 2023 विधानसभा चुनाव में उन्हें राजस्थान के उदयपुर से चुजाव लड़ा था जहां उन्हें बीजेपी के ताराचंद जैन से हार का सामना करना पड़ा. वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें झारखण्ड के जमशेदपुर पूर्वी से मैदान में उतारा था.