बुधवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू परिवार को लैंड फॉर जॉब मामले में बड़ी राहत दी है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती, हिमा यादव को जमानती है. इसके अलावा हृदयानंद चौधरी को भी कोर्ट ने नियमित जमानत दी है. राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विशाल गोगने ने सभी आरोपियों को एक-एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि ईडी ने जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया, इसलिए आरोपियों के नियमित जमानत याचिका को खारिज करने का कोई कारण नही है. बहस के दौरान चारों के जमानत का विरोध करते हुए ईडी ने कहा कि अगर इन्हें जमानत दी जा रही है, तो अपराध की गंभीरता को देखते हुए शर्तों के साथ जमानत मिलनी चाहिए.
कोर्ट ने सशर्त दी है जमानत
ईडी की इस दलील को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए चारों को शर्तों के साथ नियमित जमानत देने का फैसला किया.
18 फरवरी मीसा भारती, हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी को लैंड फॉर जॉब मामले में आरोपी बनाया था. 27 जनवरी को ईडी की ओर से कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया था. 9 जनवरी को ईडी ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में राबड़ी देवी, मीसा भारती, हिमा यादव, हृदयानंद चौधरी और अमित कात्यल को आरोपी बनाया गया था. ईडी ने हाल ही में अमित कात्याल को गिरफ्तार भी किया था.
इसी मामले में ईडी से पहले सीबीआई ने भी केस दर्ज किया था. सीबीआई का यह मामला भी दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में चल रहा है. इस मामले में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी याद,व लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को जमानत मिली थी.
सीबीआई का आरोप है कि 2004 से 2009 के दौरान लालू यादव रेलवे ने विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप डी के पदों पर नियुक्ति के लिए अपने परिवार के सदस्यों पर जमीन लिखवाई हैं. रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने आर्थिक लाभ हासिल किया है.
मंगलवार को भी राउज एवेन्यू कोर्ट में इसी मामले से जुड़े एक अन्य मामले पर सुनवाई हुई थी. मंगलवार को जांच एजेंसी सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि वह एक और याचिका दाखिल करने वाली है. इसके बाद अदालत ने सीबीआई को दो हफ्ते का समय दिया है. इस पर अगली सुनवाई 14 मार्च को तय की गई है.